पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता… यह कहावत साइकिल कारोबारी पर सटीक बैठती है। जिस मां ने बेटे को मकान खरीदकर दिया। अब वही बेटा 76 साल की वृद्धा को घर से निकालने के लिए प्रताड़ित कर रहा है। कमरे की लाइट काट दी है।
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पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता… यह कहावत साइकिल कारोबारी पर सटीक बैठती है। जिस मां ने बेटे को मकान खरीदकर दिया। अब वही बेटा 76 साल की वृद्धा को घर से निकालने के लिए प्रताड़ित कर रहा है। कमरे की लाइट काट दी है।
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