कानपुर के भीतरगांव में बाजार के धोखा देने के बाद ब्लाॅक क्षेत्र के बेहटा-बुजुर्ग, निबिया, हस्कर शंकरपुर गांवों में केला उत्पादक किसान परेशान हैं। रात दिन की मेहनत से तैयार फसल को खेतों के अंदर सड़ते देख रहे हैं। चार गांवों में तकरीबन 500 बीघे केले की पकी फसल तैयार है। बाहरी व्यापारियों के न आने से वजनदार केला की बड़ी-बड़ी घार पेड़ से गिरकर सड़ रही है।


कभी-कभार फेरी वाले दो रुपये प्रति किलो में केला खरीद लेते हैं जिससे आमदनी तो दूर की बात लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसान बताते हैं बाजार में कच्चे और पके केले का कोई भाव नहीं है। आसपास जिलों कानपुर देहात, जालौन, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, लखनऊ के साथ आगरा और सतना जिले केथोक व्यापारी भी नहीं आ रहे हैं।



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