कानपुर देहात में दिशा की बैठक में पूर्व सांसद व सांसद के बीच हुई कहा सुनी के बाद समर्थक भी नाराज हो गए। हाथापाई तक की नौबत आ गई तो अफसरों का हाथ पैर फूल गए। अफसरों ने जहां उन्हें संभाला, वहीं जिले में जातिवाद की राजनीति गरमा गई है। लोग इस घटना के बाद तरह तरह की चर्चाएं करते रहे। सांसद व पूर्व सांसद ने एक दूसरे पर कई आरोप लगाए। बता दें कि 24 जुलाई को अकबरपुर नगर पंचायत के सभासद द्वारा राज्यमंत्री के समर्थक पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

इस मामले में अकबरपुर कोतवाल पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री धरने पर बैठ गईं थी। उनके समर्थन में आए पूर्व सांसद व उनके पति अनिल शुक्ला वारसी ने अकबरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष व पूर्व सांसद को घेरा था। उस समय भी कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद से मामला गरमाया चला आ रहा था। मंगलवार को मौका था कि सांसद व पूर्व सांसद के आमने सामने होने के साथ ही उनके समर्थक भी थे। आरती डिसटलरीज, मिर्जा तालाब की जांच के साथ दिशा बैठक में शामिल सदस्यों का मुद्दा उठा तो राजनीति गरमा गई।




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Kanpur Dehat MP former MP clash Bhole said dont call me goon Iam historysheeter Warsi said will you kill me

बैठक में नाराजगी जाहिर करते पूर्व सांसद व सांसद को समझाते अधिकारी
– फोटो : amar ujala


पूर्व सांसद ने सांसद व उनके समर्थकों बताया जान का खतरा

दिशा की बैठक के बाद पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने एसपी को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने बताया कि दिशा की बैठक में आरती डिस्टलरीज का मामला उठने पर उसे दिशा के उद्देश्यों से विपरीत होने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि वह अपने चार लोगों से ही दिशा के मुद्दों से हटकर सवाल उठवाते हैं आैर फैक्टरी मालिकों को परेशान करते हैं। आरोप लगाया कि इस पर वह मुझे गालियां देने लगे आैर मारने के लिए दौड़े। उनके साथ जितेंद्र सिंह गुड्डन, राजेश तिवारी, विवेक द्विवेदी भी मारने दौड़े। पुलिस अधिकारियों की वजह से मै बच सका। पूर्व सांसद ने शिकायती पत्र में सांसद ने उन्हें धमकी दी है। यदि उन्हें व उनके परिवार को कुछ होता है तो सांसद व उनका परिवार व बैठक में शामिल उनके लोग जिम्मेदार होंगे। एसपी ने बताया कि उन्हें शिकायती पत्र नहीं मिला है। फोन पर बात जरूर हुई है।


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बैठक के दौरान हंगामा के बाद पूर्व सांसद को घेर कर खड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि
– फोटो : amar ujala


इन बातों से बनी विवाद की स्थिति

तत्कालीन ईआे के निलंबन व जांच का उठा मुद्दा-बैठक में पूर्व सांसद ने अकबरपुर नगर पंचायत में खनन को लेकर जिस तरह से जांच चल रही है, उस पर लीपापोती का आरोप लगाया। कहा कि तत्कालीन अधिशासी अधिकारी देवहुति पांडेय के खिलाफ सांसद ने शिकायत कराई। इसके बाद शासन में पहल कर निलंबित कराया, आैर जांच कराई आैर परेशान किया। आरती डिस्टलरीज की चल रही जांच।


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बैठक के दौरान हंगामा होने पर सांसद व पूर्व सांसद को समझाते अधिकारी
– फोटो : amar ujala


पूर्व सांसद द्वारा पुराने मामले को लेकर फोन करना

जुलाई माह में आरोप प्रत्यारोप के मामले में पूर्व सांसद ने सांसद देवेंद्र सिंह को फोन किया था। यह बात भी दिशा में उठ गई। इस पर पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने फोन किया था, इस लिए किया था कि चीजे आगे न बढ़ें। जहां तक हो गई वहां तक काफी थी। उन्होंने कहा कि सांसद ने कहा कि मामले की बात अमित शाह व जेपी नड्डा के सामने होगी। इस पर सांसद ने कहा कि अब बात रिकार्ड में होगी। बात इतनी बढ़ी कि पूर्व सांसद अपना जनेऊ भी दिखाते रहे। बाहर निकालने की बात कहने पर विवाद बढ़ गया।


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सांसद देवेंद्र सिंह भोले को समझाती एसपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय
– फोटो : amar ujala


मैंने आरती डिस्टलरीज का मामला लोकसभा में रखा

सांसद देवेंद्र सिंह ने कहा कि आरती डिस्टलरीज का मामला सामने आया था। उन्होंने पत्र भेजा कि कोई बोर्ड मैंबर न जाए, फिर से जांच हुई तो वही रिपोर्ट फिर आई। तीसरी बार मैंने व अन्य सांसद ने लोकसभा में ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री के समक्ष रखा कि क्या जांच के दौरान दिशा का सदस्य वहां जा सकता है, जवाब मिला कि अध्यक्ष व सदस्य जा सकते हैं। कोई फैक्टरी वाला किसानों की जमीन नहीं ले सकता। फैक्टरी वाले नियम से काम करें, अगर नियम से नहीं करेंगे तो संबंधित अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी पक्षपात करती है यह पूर्व सांसद का कहना है, मैं तो कमेटी नहीं बनाता अधिकारी बनाते हैं व साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होती है इस पर भी उनको एतराज है। शासन के खिलाफ बोलते है औरर कहते हैं फाइल मेरे पास नहीं आती तो क्यों मंत्री बने बैठे हैं, वारसी भ्रष्ट अधिकारियों को बचाना चाहते हैं, व्यापारियों को बचाना चाहते हैं जो प्रदूषण फैलाते हैं, टैक्स चोरी करते हैं, किसानों को भी परेशान करते हैं, तहसीलदार को बचाएंगे जो गलत कर रहे। क्रोमियम का मामला दिशा के एजेंडे में था, इनकी फैक्ट्री पर 97 करोड़ का जुर्माना है,हाईकोर्ट ने कहा कि इसको सही से आकलन कीजिए क्योंकि मामला इससे ऊपर का है।




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