कानपुर देहात में बेटे की हत्या की साजिश में शामिल मास्टर माइंड मां घटना के बाद सगे संबंधियाें के साथ पुलिस को भी गुमराह करती रही। इधर जब प्रदीप के बाबा ने गांव के युवकों पर शक जताया तो वह यह भी कहती रही कि पड़ोसी तो उसकी मदद करते थे, वह हत्या नहीं कर सकते। यहां तक कि उसके परिजन पर ही गंभीर आरोप मढ़ दिए, मगर उसकी चालाकी ज्यादा देर तक काम न आ सकी।

पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाकर उनका भंडाफोड़ कर दिया। प्रदीप की हत्या के बाद बाबा जगदीश नारायण ने गांव के मयंक, ऋषि पर शक जताया था। इसी बीच प्रदीप की मां ममता भी जा पहुंची थी। किसी को शक न हो और वह भी न फंसे इस पर लोगों के साथ पुलिस को गुमराह करना शुरू कर दिया। जब पुलिस ने मयंक व ऋषि से पूछताछ शुरू की।




Kanpur Dehat Pradeep Murder Mother kept misleading not spoken to son for year insurance policy become noose

Pradeep Murder Case
– फोटो : amar ujala


बेटे ने उससे बात भी नहीं की

तब ममता ने कहा कि दोनों से कोई बुराई और लड़ाई नहीं है। वह भला बेटे की हत्या क्यों करेंगे, बल्कि वह परिवार के लोगों पर ही उलटे आरोप लगा रही थी। उसने यह भी बताया था कि एक साल पहले घर पर जमीन के हिस्से को लेकर विवाद हुआ था। तभी से बेटे ने उससे बात भी नहीं की है। इधर पुलिस ने घटना में कड़ी से कड़ी जोड़ी, तो उसका भंडाफोड़ हो गया।


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– फोटो : amar ujala


बीमा पॉलिसी बन गईं ममता के गले की फांस

बेटे को रास्ते से हटाने व रुपयों की तंगी दूर करने के लिए ममता व उसके प्रेमी मयंक ने खूब दिमाग दौड़ाया मगर वह पुलिस को चकमा नहीं दे सके। जिन पॉलिसी के क्लेम से दोनों ने धनवान होने के सपने देख प्रदीप की हत्या कर दी, वही उनकी गले की फांस बन गई। प्रदीप की हत्या के कुछ घंटे बाद बीमा पॉलिसी की वजह से घटना को अंजाम देने की चर्चा गांव में तेज हुई तो पुलिस ने भी कान खड़े कर लिए।


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पुलिस का तीनों पर शक गहरा गया था

पुलिस ने बीमा अभिकर्ता से पूछताछ की तो पता चला कि दो साल में ही प्रदीप के नाम पर चार बीमा पॉलिसी करवाई गई थीं। जबकि उसके बड़े भाई कुलदीप के नाम एक भी पॉलिसी नहीं निकली। कुलदीप अपनी मां ममता के साथ ही रहता है और प्रदीप का ममता से अलगाव था। इस पर पुलिस का तीनों पर शक गहरा गया था। पुलिस पॉलिसी किए जाने की प्रक्रिया की जांच कर रही है।


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वारदात की रात बंद हो गया था प्रदीप का फोन

26 अक्तूबर की देर रात तक प्रदीप के घर न पहुंचने पर परिजन ने उससे संपर्क करने का प्रयास किया था मगर उसका फोन बंद था। इसपर परिजन ने गांव में खोजबीन की तो पता चला कि वह ऋषि व मयंक के साथ कार में बैठकर कहीं गया है। जानकारी होते ही प्रदीप के बाबा जगदीश नारायण ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना देकर अनहोनी की आशंका जताई थी।




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