बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में तुम्हारा नाम किस तरह से केस से हटा और फिर जोड़ा गया। तुम्हारे कौन कौन से मददगार पुलिसकर्मी हैं? सबके नाम बताओ? तुम्हारे खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं। कॉल डिटेल निकलकर सामने आ गई है। सब कुछ बताओ। किसका किससे क्या क्या संबंध रहा है? इस तरह के 150 सवाल पुलिस अधिकारियाें ने अधिवक्ता दीनू उपाध्याय से पूछे। उसे सोमवार को सात घंटे की कस्टडी रिमांड पर जेल से लाया गया था। इस दौरान डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता और कई अन्य एसीपी मौजूद रहे। उसे रैना मार्केट फिर उसके घर ले जाकर दस्तावेज खंगाले गए। शाम चार बजे वापस जेल भेज दिया।
एसीपी कोतवाली अभिषेक कुमार, एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय और एसीपी कर्नलगंज टीबी सिंह चार थानों की फोर्स के साथ दीनू को रिमांड पर लेने के लिए सुबह सात बजे जिला जेल पहुंचे। यहां से पहले उर्सला अस्पताल फिर कैंट थाने ले जाया गया।
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कस्टडी रिमांड में दीनू
– फोटो : अमर उजाला
डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों ने पिंटू सेंगर हत्याकांड से जुड़े सवाल किए तो पहले उसने भटकाने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने जब उसके सामने साक्ष्य रखकर पूछताछ की तो हत्याकांड से जुड़ी जानकारी दी। महफूज, सउद अख्तर और पप्पू स्मार्ट से संबंधों के बारे में भी बताया। उसने बताया कि उसका किस तरह से हत्या में शामिल अन्य लोगों से संपर्क रहा। अपनी संपत्तियों और साथियों के नाम भी बताए, जिसका पुलिस सत्यापन कर रही है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने तत्कालीन जाजमऊ इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा को दो दिन पहले ही दीनू उपाध्याय का नाम हटाने के लिए निलंबित किया गया, जबकि अन्य मामले में दीनू के जमीन कब्जाने पर कार्रवाई न करने को लेकर हरबंशमोहाल के दरोगा सुरेश चंद्र शर्मा को लाइन हाजिर किया था।
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सात घंटे में मोबाइल नहीं खोज पाई पुलिस
पुलिस दीनू को लेकर रैना मार्केट से नवाबगंज स्थित घर तक लेकर गई। यहां पुलिस ने घर में कुछ दस्तावेज खंगाले और मोबाइल की तलाश की। सात घंटे तक खोजबीन के बाद मोबाइल का पता नहीं चल सका। पुलिस जब उसे कैंट थाने से ले जा रही थी, तो वह रो पड़ा। पुलिस के मुताबिक उसने कहा कि कल तक उसके साथ अधिवक्ताओं की फौज रहती थी आज वह अकेला है।
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भाई के कर्मों का फल भोग रहा हूं ….
पुलिस जब दीनू को लेकर उसके घर पहुंची तो उसकी आंखों में आंसू भर आए। पूछने पर उसने बताया कि वह भाई के पापों की सजा भुगत रहा है। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में दीनू की भतीजी की गोली लगने से मौत हो गई थी। दीनू और उसके परिजनों ने सूचना दिए बगैर दाह संस्कार कर दिया था। पुलिस ने अपनी जांच शुरू की थी। जिस पिस्टल से गोली चली थी, उसे कब्जे में लेकर कार्रवाई की गई थी। हालांकि उसमें प्रभाव के चलते साक्ष्य छिपाने की धारा नहीं लगा थी। नए सिरे से जांच की जाएगी। इस मामले में विवेचना में जिसने लापरवाही की। उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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बार एसोसिएशन के महामंत्री भी रहे मौजूद
रैना मार्केट पर बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह भी वकीलों की टीम के साथ मौजूद रहे। उसके आनंदेश्वर एसोसिएट के दफ्तर में जांच की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि दीनू हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता है। विवेचक द्वारा की गई जांच में अब तक पता चला है कि दीनू की मृतक पिंटू सेंगर व घटना के सह आरोपी महफूज अख्तर से बात होती थी। पुलिस दीनू की सीडीआर निकाल चुकी है।