साइबर ठगों ने बिरहाना रोड स्थित पीबी सोसाइटी ज्वैलर्स के निदेशक प्रशांत जैन के साथ 1.09 करोड़ रुपये ठग लिए। शातिरों ने शुक्रवार को उनके अकाउंटेंट को निदेशक के नाम से व्हाट्सअप मैसेज किया। इस मैसेज में तीन फर्माें के बैंक खातों में कुल 1.09 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की बात लिखी थी। मैसेज पर विश्वास कर अकाउंटेंट ने बिना जांच किए शातिरों के बताए बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर कर दी। जब निदेशक को मामले की जानकारी हुई तो उन्हाेंने रकम को होल्ड कराने की कोशिश की। हालांकि शातिर तब तक धनराशि को अन्य खातों के माध्यम से निकाल चुके थे। पीड़ित कारोबारी ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

महेश चंद्र जैन उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्हाेंने बताया कि उनकी बिरहाना रोड पर पीबी सोसाइटी नाम से फर्म है। इसमें बेटा प्रशांत जैन निदेशक है। उनकी फर्म में रावतपुर गांव निवासी गजेंद्र राठौर कई वर्षों से अकाउंटेंट का काम करते हैं। महेश चंद्र जैन ने बताया कि उनके अकाउंटेंट के पास 10 अक्तूबर को एक नए नंबर से मैसेज आया था। यह मैसेज किसी शातिर ने बेटे प्रशांत के नाम से अकाउंटेंट को भेजे। पहले शातिर ने खाते का बैलेंस पूछा। उन्होंने बता दिया, इसके बाद उसी व्हाट्सअप के माध्यम से दो फर्म के बैंक खाते दिए। इनमें से रोकड़िया इल्केट्रिक एंड सर्विस सेंटर के खाते में 52.70 लाख, लीविंग इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 51.60 लाख रुपये

ट्रांसफर करने को कहा गया था। इसके बाद गजेंद्र ने बैंक ऑफ इंडिया वाले खाते से 51.60 लाख रुपये निफ्ट और 52.70 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसी नंबर से ईरालिंगा फर्म में 4.87 लाख रुपये ट्रांसफर करने का मैसेज आया। इसे देखकर अकाउंटेंट ने तीसरी फर्म में सोमवार को 4.87 लाख रुपये आरटीजीएस कर दिए। शाम को निदेशक प्रशांत ऑफिस आए तो मेल और अकाउंटेंट के माध्यम से उन्हें धनराशि ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। आननफानन उन्होंने बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया। हालांकि तब तक शातिरों ने भेजे गए बैंक खातों से धनराशि निकाल ली थी। इसके बाद निदेशक ने पुलिस के अधिकारियों को सूचना दी। मंगलवार दोपहर अकाउंटेंट ने साइबर थाने में अज्ञात ठगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

एमपी और गुजरात की फर्मों के खातों में गए रुपये

साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि जिन फर्मों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। वह मध्यप्रदेश के मंदसौर और गुजरात अहमदाबाद जिलों की हैं। हालांकि आरोपियों ने इन रुपयों को सीधे न निकाल कर अन्य कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया है।


पीड़ित कारोबारी की रिपोर्ट दर्ज कर साइबर टीम को आरोपियों की तलाश में लगा दिया गया है। बैंक को ठगी की सूचना देने में देर होने के कारण शातिरों ने रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए हैं। – रघुवीर लाल,पुलिस कमिश्नर




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