छठ पूजा के चौथे दिन मंगलवार को शहर स्थित घाटों, नहर और कृत्रिम तालाबों के किनारे भोर पहर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु डाला में फल, ठेकुआ आदि पूजन सामग्री लेकर पहुंचे। उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा, अरघ के रे बेरवा…जैसे गीतों से माहौल भक्तिमय बना था। सबको सूर्य देव के आगमन का इंतजार था।
जैसे ही भगवान भास्कर की पहली किरण दिखी पूरा माहौल उत्साह और उमंग से भर गया। महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन किया और परिवार की खुशहाली की कामना की। इसके साथ 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण किया।
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छठ पर्व 2025
– फोटो : अमर उजाला
शहर के पनकी, अर्मापुर, सीटीआई, दबौली, साकेतनगर, रतनलालनगर, नमक फैक्टरी, बर्रा, नौरैयाखेड़ा, शास्त्रीनगर, कमलानगर, लाजपतनगर और शिवाजीनगर सहित विभिन्न स्थानों पर छठ पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचे।
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छठ पर्व 2025
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काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने रात से ही घाटों पर डेरा डाल लिया था। घी के दीपकों और लोकगीतों की धुन से घाटों का वातावरण दिव्य हो उठा। पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने ठेकुआ और फलों से व्रत का पारण किया।
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छठ पर्व 2025
– फोटो : अमर उजाला
महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर परंपरा निभाई। विशेष रूप से पनकी और अर्मापुर नहर के किनारे यह दृश्य बेहद भावुक और मनोहर रहा। इस बार छठ पर्व में युवाओं की भागीदारी भी काफी रही।
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छठ पर्व 2025
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पारंपरिक परिधानों में सजे युवक-युवतियां परिजनों के साथ घाटों पर पहुंचे और पूजा-अर्चना के साथ सेल्फी लेकर आस्था के पलों को कैमरे में कैद किया।