
आग से बचने के लिए कहां-कहां भागी होंगी। तलाशा होगा अपने अब्बू को अम्मी को, जो बेचारे अपने बच्चों को ढूंढ़ते रह गए और इस दुनिया से चले गए। सब कुछ उजड़ गया। सब बर्बाद हो गया। ये बातें कैसे बताऊं में दानिश के अब्बू को… ये कहकर मामू इशरत और पूरा परिवार एक दूसरे के गले लगकर बहुत रोया। पूरा मोहल्ला जो वहां पर था, सभी रो रहे थे। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और रिश्तेदार सब जार-जार रोए। हर आंख से आंसू निकल रहा था।
मैम ने बताया कि अब इनाया कभी नहीं आएगी
नन्हीं शिजा ने कहा इनाया मेरी अच्छी दोस्त थी। पूरे असेंबली मैं और मेरी मैम रोती रहीं। हम हर स्कूल फंक्शन में एक साथ ही रहते थे। सोमवार को असेंबली में उसकी फोटो पर फूल चढ़ाए गाए तो मैम ने बताया कि अब वो हमारे साथ कभी नहीं आएगी। शिजा ने कहा कि अगर वो कभी नहीं आएगी तो मैं भी स्कूल नहीं जाऊंगी। यह बातें कहते हुए शिजा ने दोस्त इनाया को याद किया। शिजा ने बताया कि सोमवार को यूनिफॉर्म पर काला कपड़ा लगाया गया। मां साजादा ने बताया कि शिजा स्कूल से घर आ जाती थी, लेकिन बातें सिर्फ और सिर्फ इनाया की करती थी। अब मुझे भी डर लग रहा है कि इस मासूम को कैसे समझाऊं।
बहुत ही खुशमिजाज थे पति पत्नी, साथ गए थे हज
दानिश की पत्नी नाजली सबा की दोस्त रुमाना ने बताया कि दोनों पति-पत्नी बहुत ही खुश मिजाज और अच्छे दिल के इंसान थे। पिछले साल उनके साथ में हज करने गए थे। उनसे वहीं पर दोस्ती हुई। रुमाना प्रेम नगर में रहती हैं। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में हमने साथ में इबादत की। खाना, घूमने जाना हमेशा साथ रहे। दोनों पति-पत्नी कम दोस्त ज्यादा लगते थे।
कानपुर के चमनगंज के प्रेमनगर में एक इमारत में रविवार की रात आग लगने से पांच लोग जिंदा जल गए। नीचे भयंकर आग और पांचवीं मंजिल की छत के जीने के दरवाजे पर ताला लगा था। इसके बीच फंसे दंपती और उनकी तीन मासूम बेटियों की जान चली गई। बचाव कार्य में लगे कर्मियों को कारोबारी मोहम्मद दानिश (45) और उनकी पत्नी नाजली सबा (40) का शव चौथी मंजिल की सीढ़ियों पर मिला, जबकि तीनों बेटियों सारा (15), सिमरा (12) और इनाया (07) के शव तीसरी मंजिल की सीढ़ी के नीचे मिले। ऐसा लगता है कि यह लोग छत पर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दरवाजे पर ताला लगा होने और अंदर आग एवं धुएं की वजह से खुद को नहीं बचा सके।