
सांकेतिक तस्वीर
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तापमान के लगातार 43 डिग्री सेल्सियस पार रहने का असर हृदय के विद्युत प्रवाह पर पड़ रहा है। गर्मी के कारण शरीर का ताप बढ़ता है। इससे गर्म खून जब हृदय के अंदर पहुंचता है तो इसका कंडक्शन सिस्टम प्रभावित हो रहा है। इससे विद्युत प्रवाह कभी तेज, कभी सुस्त और कभी अटकने लगता है। इसका सीधा असर धड़कन पर आ रहा है। इसे इरिदमिया कहते हैं।
एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में इरिदमिया के रोगी 10 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी हो गए हैं। ओपीडी में रोजाना औसतन आने वाले 1200 रोगियों में 480 इरिदमिया के है। इससे पहले औसतन 120 रोगी आते थे। कार्डियोलॉजी की ओपीडी और इमरजेंसी में रोगियों का इलाज किया जा रहा है। कार्डियोलॉजी में आए इरिदमिया के रोगियों की जांच में धड़कन बढ़ी पाई जा रही है। हार्ट रेट सामान्य 60 से 100 के बजाय 140-150 आ रही है। जो पहले से रोगी हैं, उनकी भी हालत बिगड़ रही है। इसके साथ ओपीडी में नए रोगी भी आ रहे हैं।
