
मेट्रो स्टेशनों में लगे एस्केलेटर
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उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने नए साल की शुरुआत में आईआईटी से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारियां तेज कर दी हैं। शुक्रवार को चुन्नीगंज से सेंट्रल तक पांचों भूमिगत मेट्रो स्टेशनों (चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल) में एस्केलेटर लगाने के साथ ही ट्रायल किया। इन सभी स्टेशनों पर कार्य अंतिम चरण में हैं। सभी एस्केलेटर और लिफ्ट का निर्माण मेक इन इंडिया अभियान के तहत चेन्नई में हुआ है।
चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक पांचों मेट्रो स्टेशनों में 23 एस्केलेटर लगाए गए हैं। चुन्नीगंज, नवीन मार्केट और बड़ा चौराहा स्टेशनों में चार-चार, नयागंज स्टेशन पर पांच और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर छह एस्केलेटर लगाकर ट्रायल किया जा रहा है। पांचों स्टेशनों में 15 में से 11 लिफ्ट लग चुकी हैं व चार लगाई जा रही है।
मेट्रो के पीआरओ का दावा है कि सभी एस्केलेटर पर्यावरण हितैषी हैं। यदि एक निश्चित समय तक इनका उपयोग नहीं किया जाता है, तो ऊर्जा संरक्षण के लिए ये स्वतः रुक जाते हैं। ये अलग-अलग गति से चल सकते हैं। आपातकालीन स्थिति में एस्केलेटर को तुरंत रोकने के लिए तीन आपातकालीन स्टॉप बटन भी लगे हैं। ये एस्केलेटर ऑटोमेटिक अनाउंसमेंट के माध्यम से यात्रियों को सुरक्षा निर्देश भी देते हैं। स्टेशन नियंत्रण कक्ष में एस्केलेटर संचालन की निगरानी और नियंत्रण के लिए रिमोट मॉनिटरिंग और कंट्रोल सिस्टम भी है।
यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार के अनुसार आने वाले दिनों में मोतीझील के आगे कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो का ट्रायल रन किया जाएगा। भूमिगत मेट्रो रूट शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में है। आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक का सफर सवा घंटे की जगह आधे घंटे से भी कम समय में पूरा हो सकेगा। 8.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। कॉरिडोर-2 पर टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ मेट्रो सुरंग बना रही है।