कानपुर में प्राकृतिक खेती पर जोर के बीच अचानक यूरिया की खपत वृद्धि ने शासन की चिंता बढ़ा दी है। बीते चार माह में 17,178 मीट्रिक टन यूरिया खाद की खपत के साथ जिला प्रदेश में 32वें स्थान पर पहुंच गया है। जिले में धान की खेती का रकबा तो 29 फीसदी ही बढ़ा, लेकिन बीते वर्ष से 65 फीसदी ज्यादा यूरिया की खपत हो गई। ये आंकड़ा तो रोपाई के समय का है अभी निराई बाकी है। उसके बाद यूरिया की खपत के आंकड़े दोगुने हो जाएंगे। बीते वर्ष 10,403 मीट्रिक टन खाद बिकी थी।

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मंडल में यूरिया की सर्वाधिक खपत करने में पहले स्थान पर कन्नौज, दूसरे स्थान पर कानपुर देहात, तीसरे पर फर्रुखाबाद और चौथे नंबर पर कानपुर है। एकाएक भारी मात्रा में यूरिया की खपत पर इसकी जमाखोरी की आशंका को देखते हुए शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। हर वर्ष धान के रकबे की अपेक्षा यूरिया खाद की खपत निरंतर बढ़ रही है।  वर्ष 2024 में जिले में धान के 32,169 हेक्टेयर रकबे के लक्ष्य के सापेक्ष 32,173 हेक्टेयर में फसल की पैदावार हुई।



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