Kanpur News: पूरी तरह से दिव्यांग होने के बावजूद, पश्चिम बंगाल की रिद्धिमा पॉल ने आईआईटी कानपुर में दाखिला लेकर एक मिसाल कायम की है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित रिद्धिमा ने अपनी मां के सहयोग से यह उपलब्धि हासिल की है।


Kanpur Riddhima completed her journey to IIT by walking on her fingers mother said daughter is brilliant

रिद्धिमा पॉल
– फोटो : amar ujala



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जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं….आनंद फिल्म के इस डायलॉग को अपने जीवन में उतारते हुए आईआईटी कानपुर में इस साल दाखिला लेने वाली रिद्धिमा पॉल के हौसले के आगे सभी नतमस्तक हैं। पूर्ण रूप से दिव्यांग रिद्धिमा व्हीलचेयर पर हैं। अपने दैनिक कार्यों के लिए मां पर निर्भर है। लिखने के लिए उंगलियां चलती हैं लेकिन पेन अगर कोई खोलकर दे दे तो।

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पूरे शरीर में केवल उंगलियां ही काम करती हैं। विषम परिस्थितियों से जूझते हुए रिद्धिमा ने देश के प्रतिष्ठित तकनीक संस्थान आईआईटी में दाखिला पाया है। जन्म से ही स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित रिद्धिमा को 2025-26 के सत्र में दिव्यांग कोटे से मैथेमेटिकल एंड स्टैटिक्स में प्रवेश मिला है।



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