
गांव स्थित शहीद जगदीश यादव का स्मारक
– फोटो : अमर उजाला
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कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते शहीद हुए कमांडो जगदीश प्रसाद यादव के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को पचपहरा गांव स्थित शहीद के समाधि स्थल पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए जाएंगे। पचपहरा निवासी जगदीश प्रसाद सेना में लांसनायक थे। वर्ष 1999 में कारगिल का युद्ध चल रहा था।
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दो जुलाई 1999 को कश्मीर के द्रास सेक्टर में सेना की टुकड़ी ऊंची पहाड़ी से गोला बारूद दागकर दुश्मनों का मुकाबला कर रही थी। तभी एक गोला अचानक सीधे जगदीश की पीठ पर गिरा गया था। इससे वह लड़ते हुए शहीद हो गए थे। जगदीश के भाई दयाशंकर ने बताया कि पांच भाइयों में जगदीश दूसरे नंबर के थे।
जिला प्रशासन ने उस समय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पचपहरा के पास उनका स्मारक बनवाया था। यहां हर साल दो जुलाई को शहादत दिवस के रूप में उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। जगदीश की मां तुलसारानी बताती हैं कि नौ साल सेवा करने के बाद लांसनायक बने। उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है।