Karsevak of etah shared his experiences during movement Before consecration of Ram Lalla

कारसेवक और रामभक्त सर्वेश कुमार उपाध्याय
– फोटो : अमर उजाला

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा और संघ द्वारा देशभर में उल्लास मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के एटा में भी राम भक्तों की कमी नहीं है। यहां से भारी संख्या में भक्त कार सेवा के लिए पहुंचे। अब जब राम मंदिर बन गया है। तब उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान उनकी आंखें नम हो गईं। 

जिले से कार सेवा के लिए जाने वाले भक्तों की टुकड़ी में मिरहची निवासी राम भक्त सर्वेश कुमार उपाध्याय भी शामिल रहे। उन्होंने बताया कि कार सेवा के लिए निकले भक्तों में कुछ लोग अयोध्या पहुंचने में कामयाब हो गए थे। वहीं कुछ को मिरहची चौराहे पर ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन पर लाठी बरसाई गई, यातना दी गई। उन्हें पहले कोतवाली और बाद में जिला कारागार रखा गया।  

वहां भी जब बात नहीं बनी तो एटा के जीआईसी इंटर कॉलेज में रखा गया। कहा कि हम सभी भगवान राम के भक्त हैं। सुबह उठते ही राम-राम से एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। सन 1992 में कार सेवा के लिए हम अपने साथियों सुरेंद्र कुमार, अखिलेश कुमार, सूरजभान, रतन उपाध्याय, राकेश कुमार सहित एक दर्जन से अधिक भक्त अयोध्या गए थे।

जब कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया, तब प्रदेश से माहौल काफी गरमा गया था। कार सेवकों को पकड़-पकड़कर जेल में डाला जा रहा था। इस कारण वह परेशान हो गए थे। एक-एक करके सबको पकड़ा जा रहा था। इस स्थिति में हमने माह दिसंबर में अयोध्या कूच करते समय अपने एक दर्जन से अधिक साथियों के साथ गिरफ्तारी दी। 

 

मिरहची पुलिस ने हमें चौराहे से ही गिरफ्तार कर लिया। सभी लोग 16 दिन तक जेल में रहे। हालांकि थाने के बाद जेल में खाने पीने की कोई समस्या नहीं रही। मुलाकातियों का खूब सिलसिला जारी रहता था। आज राम मंदिर बन गया है। इसकी बेहद खुशी है। 22 जनवरी को भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। हम सभी लोग भंडारा करेंगे। दीपक जलाकर दिवाली मनाएंगे। पटाखे फोड़ेंगे। 



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