चंद्रमा के इंतजार में महिलाओं और उनके परिवारीजन अपने-अपने घरों की छतों पर शाम सात बजे ही पहुंच गए। रात आठ बजे के बाद जैसे ही चंद्रमा के दर्शन हुए तो आतिशबाजी से शहर का हर मोहल्ला गूंज उठा। इसके बाद महिलाओं ने विधि-विधान से चंद्रमा की पूजा की।
इसके बाद अर्घ्य दिया और छलनी से चांद के साथ अपने पति के दर्शन किए। पतियों ने भी पत्नियों को पिन्नी खिलाकर और जल पिलाकर उनके उपवास का पारण कराया। जिन नवविवाहिताओं का पहला करवाचौथ था, उनमें अलग ही उत्साह नजर आया।
अपनी सास और घर के बड़ों के मार्गदर्शन में उन्होंने पहली बार निर्जला व्रत रखा और रात में चंद्र दर्शन के साथ ही पूजन कर व्रत का पारण किया।
पत्नियों की लंबी उम्र के लिए पतियों ने रखा उपवास
यूं तो भारतीय परंपरा के अनुसार सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं लेकिन कई पुरुष भी ऐसे हैं जो अपनी पत्नियों के बेहतर स्वास्थ्य व लंबी उम्र के लिए उपवास रखते हैं।