संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। सोमवार को सैकड़ों यात्रियों की जान जोखिम में डालकर रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियरों ने केरला एक्सप्रेस को टूटी पटरी पर दौड़ा दिया था। मामले की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को हुई तो पूरे मंडल में हड़कंप मच गया। मंगलवार को शुरुआती जांच में ललितपुर रेलमार्ग के सीनियर सेक्शन इंजीनियरों की लापरवाही सामने आई है। इसके बाद एक इंजीनियर को निलंबित कर दूसरे इंजीनियर को आरोप पत्र दिया गया है।
दैलवारा-ललितपुर रेलखंड में दुर्घटनाग्रस्त होने से बची तिरुवनंतपुर-नई दिल्ली केरला एक्सप्रेस टूटी पटरी पर दौड़ गई थी। चालक को जब लाल झंडी दिखी तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। तब तक ट्रेन के चार कोच टूटी पटरी से आगे निकल चुके थे। यात्रियों ने हंगामा किया तो रेलवे ने मामले की गंभीरता को समझा और जांच शुरू कर दी।
मंगलवार को विभागीय जांच में पता चला कि ट्रेन को बिना कॉशन ऑर्डर दिए ही दौड़ा दिया गया था। इसी कारण ट्रेन के ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े। शुरुआती जांच में ललितपुर सेक्शन के दो सीनियर सेक्शन इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है। स्कंद भटनागर को लापरवाही बरतने के लिए निलंबित किया गया है तो वहीं मनोज खरे को आरोप पत्र दिया गया है। हालांकि अभी जांच चल रही है।
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कॉशन दिया होता तो टूटे ट्रैक तक नहीं आती ट्रेन
जब भी किसी रेलवे ट्रैक पर मरम्मत कार्य किया जाता है तो सबसे पहले इसकी सूचना कंट्रोल रूम, मंडल कार्यालय और कार्यस्थल के नजदीकी स्टेशनों को दी जाती है। वहीं, उस सेक्शन के इंजीनियर द्वारा ट्रेन के चालक को एक चेतावनी पत्र दिया जाता है, जिसमें ट्रेन की गति कम करने या उसे सेक्शन में रोकने के निर्देश होते हैं। सोमवार को केरला एक्सप्रेस के मामले में ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया। इसी कारण ट्रेन टूटी पटरी तक आ गई।
मुख्यालय पहुंचा मामला
केरला एक्सप्रेस का मामला झांसी मंडल कार्यालय से लेकर प्रयागराज और दिल्ली तक जा पहुंचा है। मंगलवार को उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने मंडल के अधिकारियों संग वर्चुअल बैठक की। साथ ही सोमवार को हुई घटना की विस्तृत जानकारी ली।
वर्जन
कार्य में लापरवाही बरतने पर दो वरिष्ठ खंड अभियंताओं पर कार्रवाई की गई है। एक को निलंबित किया गया है वहीं, दूसरे को आरोप पत्र दिया गया है। अभी मामले की जांच चल रही है, जो भी इसमें दोषी पाया जाता है उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दीपक कुमार सिन्हा, मंडल रेल प्रबंधक, झांसी।