Doctor said on Lupus Day, if fever comes for a long time and the skin turns red in the sun, see the doctor

केजीएमयू में ल्यूपस बीमारी पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम
– फोटो : amar ujala

विस्तार

धूप में बाहर निकलने पर त्वचा लाल हो जाए और लंबे समय तक दर्द के साथ बुखार बना रहे तो डॉक्टर को सलाह लें। यह ल्यूपस की समस्या हो सकती है। तमाम मरीज लंबे समय तक बुखार की दवा खाने के बाद जांच कराते हैं तो यह बीमारी पकड़ में आ रही है। यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओँ में होती है। यह कहना है कि केजीएमयू के गठिया रोग विभागाध्यक्ष डा. उर्मिला धाकड़ का। वह ल्यूपस दिवस पर विभाग में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। 

मरीजों को बीमारी के बारे में जानकारी बताते हुए कहा कि ल्यूपस एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे हृदय, जोड़ों, लंग्स, बालों आदि को भी प्रभावित करती हैं। जोड़ और घुटने में होने वाली सूजन सामान्य लगती है, लेकिन यह ल्यूपस हो सकती है। उन्होंने बताया कि ल्यूपस एक ऑटो इम्यून बीमारी है। जो महिला में कई गुना अधिक होती है। यह बीमारी अनुवांशिक हो सकती है। विभाग के डॉ पुनीत कुमार ने बताया कि इस बीमारी का कैंसर से कोई संबंध नहीं है। इसका इलाज संभव है। 

डॉ सायन मुखर्जी ने कहा कि इस बीमारी का समय से इलाज शुरू हो जाए तो बीमारी नियंत्रित हो जाती है। इस बीमारी में धूप से बचाव करना बहुत जरुरी है। डा. दिग्विजय सिंह ने बताया कि ल्यूपस के मरीजों धूप से बचाव करना चाहिए। इस आटो इम्यून बीमारी में बॉडी सेल्स और टीशूज को प्रभआवित करती है। शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाली सूजन शरीर के अंगों को प्रभावित कतरी है। चेहरे पर तितली के फैले हुए पंखों के समान दाग धब्बे दिखाई पड़ने लगने हैं। शरीर के विभिन्न अंगों में बुखार के साथ ऐंठन होती है। सीढ़ी चढ़ते वक्त सांस सूफना, याददाश्त कमजोर होना और आंखों में रूखापन के लक्षण भी सामने आते हैं। इस दौरान विभाग के मरीजों को छाते, टोपी एवं कॉटन की टी- शर्ट का वितरण किया गया।  तीमारदारों को ल्यूपस बीमारी की पहचान और इलाज से संबंधित पत्रिकाएं भी बांटी गई। मौके पर डा. मुकेश, डा. लिली, डा. कीर्ति, डा.दिग्विजय, डा. प्रसन्ना आदि ने मरीजों के सवालों का जवाब दिया। उन्हें ल्यूपस बीमारी के लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि यह कई तरह का होता है। 

ये हैं प्रमुख लक्षण 

धूप में निकलते ही त्वचा लाल होना, जोड़ों में दर्द और सूजन आना, मासपेशियों में ताकत कम होना, लंबे समय से बुखार रहना, गुर्दे से संबंधित शिकायत होना, आंखों में रूखापन, चेहरे पर धब्बे, बालों का झड़ना आदि।



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