– शिवपुरी और झांसी वन विभाग ने शंकरगढ़ में की संयुक्त कार्रवाई
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। मध्य प्रदेश के जंगलों से तस्करी कर झांसी लाई गई 400 क्विंटल खैर की लकड़ी शंकरगढ़ के गोदाम से बरामद की गई है। शनिवार को झांसी और शिवपुरी (मध्य प्रदेश) वन विभाग की संयुक्त टीम ने झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित शंकरगढ़ में बने गोदाम पर छापा मारा। बरामद लकड़ी की कीमत एक करोड़ रुपये आंकी गई है। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक कानपुर स्थित गुटखा फैक्टरी में पहुंचाने के लिए इसे यहां जमा किया गया था।
पान मसाला और कत्थे में उपयोग में आने वाली खैर की लकड़ी की अधिकतर पैदावार मध्य प्रदेश के जंगलों में होती है। बेशकीमती होने के कारण खैर की लकड़ी का कटान प्रतिबंधित है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी के अधिकारियों को जंगलों से लकड़ी का कटान कर झांसी में जमा करने की सूचना मिली थी।
शिवपुरी वन विभाग के अधिकारियों ने झांसी के अफसरों से संपर्क किया। जिस पर विभागीय अफसरों ने गोपनीय रूप से टीम का गठन कर शनिवार को शंकरगढ़ में बने गोदाम पर छापा मारा। वन विभाग की टीम को देखते ही दो लोग दीवार फांदकर भाग खड़े हुए। टीम ने मौके से 400 क्विंटल खैर की लकड़ी को बरामद किया।
प्रभागीय वन अधिकारी जेबी शेंडे ने बताया कि शिवपुरी और झांसी डिवीजन की संयुक्त कार्रवाई में तस्करी कर लाई गई खैर की लकड़ी बरामद की गई है। लकड़ी की कीमत एक करोड़ रुपये आंकी गई है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया जा रहा है।
19 अप्रैल को पकड़ी थी लकड़ी
वन विभाग की टीम ने 19 अप्रैल को इसी गोदाम पर छापा मारकर खैर की लकड़ी बरामद की थी। तब छतरपुर निवासी जितेंद्र सोलंकी, तुलसीराम, लखन, महेश, बब्लू, सूरज सिंह सहित पांच अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
वन विभाग के कर्मचारियों की होगी जांच
एक ही गोदाम से दूसरी बार बेशकीमती और प्रतिबंधित खैर की लकड़ी को जब्त किया गया है। वन संरक्षक महावीर कौजालगी ने बताया कि इस मामले में वन विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच की जाएगी। दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।