{“_id”:”67798911ad4c1083c50f99be”,”slug”:”land-acquisition-becomes-an-obstacle-in-the-development-of-tourism-at-guru-gorakhnath-taposthali-amethi-news-c-96-1-lu11005-132545-2025-01-05″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Amethi News: गुरु गोरखनाथ तपोस्थली पर्यटन विकास में बाधा बना भूमि अधिग्रहण”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
जायस स्थित गुरु गोरखनाथ तपोस्थली में हो रहा निर्माण कार्य।
अमेठी सिटी। जिले के जायस में स्थित गुरु गोरखनाथ तपोस्थली का पर्यटन विकास 24.64 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रारंभिक निर्माण कार्य शुरू किया गया है। लेकिन भूमि अधिग्रहण नहीं होने से कार्य प्रभावित हो रहा है।
Trending Videos
जायस कस्बे के जगदीशपुर रोड पर चौधराना उत्तरी मोहल्ले में संगत नाम से स्थान है। इसे गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली भी कहा जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसके पर्यटन विकास का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी निगरानी भी की जा रही है। पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए इस परिसर का विस्तार करीब 13 बीघा या 3.53 हेक्टेयर में होगा। जिसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार संगत परिसर ही करीब चार बीघा में फैला हुआ है। बगल में ही 10 बीघा में रामलीला मैदान व चार-चार बीघा के दो तालाब भी स्थित हैं। पर्यटन विभाग के सहयोग से मौके पर कार्य कराया जा रहा है। आर्किटेक्ट की मदद से पर्यटन विकास का खाका खींचा गया है।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी महेंद्र मिश्र ने बताया कि गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। जिसमें एक किचन शेड बनाकर तैयार कर दिया गया है। वहीं, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद आगे निर्माण कार्य कराया जाएगा।
करीब 1.59 हेक्टेयर भूमि का होना है अधिग्रहण
जायस के संगत स्थित गुरु गोरखनाथ तपोस्थली में कुल 3.53 हेक्टेयर में से करीब 1.59 हेक्टेयर भूमि काश्तकारों की बताई जा रही है। जिसके अधिग्रहण में दो से तीन करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। इसी भूमि पर पर्यटन के लिए विभिन्न निर्माण कार्य कराए जाने हैं। एक भव्य प्रवेश द्वार, लंगर के लिए शेड, कैफेटेरिया व फूड जोन का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। तपोस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से जिले का राजस्व बढ़ने के साथ ही पर्यटकों की आमद से स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मौके पर मौजूद प्राचीन कुएं को भी संरक्षित किया जाएगा। वहीं, पास में स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण करते हुए उसमें नौकायन की सुविधा दी जाएगी।