
आईटीएटी का स्थापना दिवस समारोह।
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केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ये समय विकसित भारत के लिए रोडमैप बनाने का है। आईटीएटी ईज ऑफ वर्किंग में सहायक साबित होगा। कानून मंत्री आईटीएटी के 83वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर आईटीएटी के नए भवन का उद्घाटन किया गया।
इस मौके पर कानून मंत्री ने कहा कि आप सभी का नए भवन की बधाई। 25 जनवरी को आईटीएटी का स्थापना दिवस था और कल सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस था। वहां ट्रिब्यूनल के कामकाज पर चर्चा हो रही थी। लोकसभा सत्र के आखिरी सत्र सुचारू रूप से चले। इस पर भी चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान आईटीएटी में डिजिटल सुनवाई हुई। सरकार ने फेसलेस असेसमेंट, कर व्यवस्था और जीएसटी जैसे कई अहम सुधार किए।
उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 93-94 में सब्सिडी स्कीम का काम देखता था। राजस्थान सरकार ने लैंड और मशीनरी स्कीम लॉन्च की और 15 फीसदी सब्सिडी का ऑफर दिया। योजना बहुत सफल हुई। सब्सिडी कोषागार के जरिए उद्यमी के पास पहुंचती थी। इनकम टैक्स अधिकारी ने खाते में आई सब्सिडी को आय मान कर टैक्स की डिमांड की। इससे सारे उद्यमी परेशान हो गए। मुख्य सचिव के पास बात पहुंची। मुझे बुलाया गया। मैंने कहा कि ये इनकम नही इंसेंटिव है तब इस मामले को आईटीएटी में ले जाने का फैसला लिया गया। आईटीएटी वकील से बात की तो 20 लाख फीस सुन सीधे ट्रिब्यूनल अध्यक्ष के पास चला गया। महिला अध्यक्ष के सामने कहा कि सरकार ने योजना के तहत सब्सिडी दी है। उन पर क्यों टैक्स लगा दिया।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी क्यों देते हो तब कहा कि नए उद्यमियों को सहारा देने के लिए दुनिया भर में सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने अपने एक फैसले से हजारों उद्यमियों को लाभ दिया। आईटीएटी आम लोगों को महसूस कराए कि हम आपके साथ हैं और इंसाफ होगा। ये भरोसा दिलाना आपका फर्ज है।