पांचजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि पाकिस्तान विखंडन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसका बड़ा कारण है कि वहां आजादी का आंदोलन और विद्रोह जारी है। पीओजेके व बलूचिस्तान वहां से निकलने की स्थिति में हैं। गिलगित का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान का है ही नहीं, वहां अवैध कब्जा किया है। यह बात उन्होंने 18 मई को महर्षि नारद की जयंती पर आगरा रोड स्थित गेस्ट हाउस में विश्व संवाद केंद्र के तत्वावधान में ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्र का स्वाभिमान विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में कही।
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उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में केवल दोषियों पर सटीक वार करके सिद्ध किया है कि गाजा व यूक्रेन की तरह हमारा लक्ष्य निरीह जनता को मारना नहीं था। भारत ने प्रभु राम की तरह धैर्य व मर्यादा पालन किया। पाकिस्तान परस्तों ने पहलगाम में मर्यादा को तोड़ा, जिसका भारत ने कठोर सबक दिया। अभी अशोक वाटिका उजाड़ी है, लंका दहन अभी बाकी है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान का मनोबल ध्वस्त करने का काम किया, प्रोपेगेंडा वार को रोकने में भी पटखनी देने का काम बखूबी किया। पाकिस्तान का एयरबेस नष्ट किया, जो इनका सबसे मुख्य शक्ति केंद्र था। इस तरह भारत ने पाकिस्तान को सैन्य और आर्थिक रूप से कमजोर किया है। भारत के पक्ष में तुर्की व चीन के अतिरिक्त सारी दुनिया थी, यह बड़ी कूटनीतिक जीत है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार व चैनलों ने भी अपनी हार को स्वीकार किया। पाक संसद के विशेष सत्र में सत्ता के प्रति खुला विरोध प्रकट किया। पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति बहुत खराब है व अत्यधिक भयभीत हैं।