लखनऊ। कैंट क्षेत्र में स्थित गन्ना अनुसंधान संस्थान की इक्षुपुरी कॉलोनी के सामने सड़क पर तेंदुआ देखे जाने के बाद दूसरे दिन भी इलाके में दहशत का माहौल नजर आया। सोमवार को न तो तेंदुआ किसी को दिखा, न किसी कैमरे में कैद हुआ। बावजूद इसके इलाके के लोगों के दिल-दिमाग में दहशत बरकरार है। इक्षुपुरी कॉलोनी के लोग सोमवार की सुबह व शाम में टहलने के लिए भी नहीं निकले। वन विभाग ने कॉलोनी गेट पर सतर्क रहने के संबंध में नोटिस चस्पा किया है।

शनिवार रात करीब तीन बजे कार सवार लोगों ने एक तेंदुए को सड़क पार करते देखा था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग की टीम ने कैंट क्षेत्र के प्रमुख चार स्थानों पर तेंदुए को ट्रैप करने के लिए कैमरे लगाए हैं। हालांकि स्थानीय लोगों में से किसी ने उसे दोबारा नहीं देखा है। इलाके में लगाए गए चार नाइट विजन मोशन सेंसरयुक्त कैमरे में भी तेंदुए की कोई गतिविधि नहीं मिली। एहतियात के तौर पर वन विभाग की टीम कॉलोनी व आसपास के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है। वन विभाग की तीन टीमों ने सोमवार पूरे दिन तेंदुए कि छिपने के संभावित इलाकों में कॉम्बिंग की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।

अब तक तय नहीं…तेंदुआ है या फिशिंग कैट

जिले के अलग-अलग इलाकों में देखे गए वन्यजीव को फिशिंग कैट बताकर पल्ला झाड़ने वाला वन विभाग कैंट इलाके में देखे गए तेंदुए को लेकर असमंजस में है। इलाके में मिले पगचिह्न की तस्वीरें रविवार ही एक्सपर्ट टीम के पास भेज गया था, लेकिन एक्सपर्ट भी कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दे सके हैं। डीएफओ शितांशु पांडेय ने बताया कि टीम का मानना है कि यह पगचिह्न या तो किसी वयस्क फिशिंग कैट के हैं या फिर अवयस्क तेंदुए के। उन्होंने बताया कि सोमवार को न तो कोई नया पगचिह्न दिखाई दिया और न ही कैमरे में कोई गतिविधि कैद हो सकी है।

ट्रैंकुलाइजर गन और पिंजरा तैयार

डीएफओ का कहना है कि देखा गया वन्य जीव तेंदुआ है या कुछ और, फिर भी वन विभाग उसे तेंदुआ मानकर ही तैयारी में है। लखनऊ चिड़ियाघर में ट्रैंकुलाइजर गन, चिकित्सक आदि की व्यवस्था की गई है, जिससे उसे बेहोश किया जा सके। साथ ही यदि वह किसी कैमरे में कैद होता है तो पहले उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाएगा।

नोटिस में यह दी गई सलाह

वन विभाग ने इक्षुपुरी कॉलोनी गेट पर नोटिस चस्पा कर लोगों को बिना वजह कॉलोनी से बाहर न निकलने, आवश्यकता पड़ने पर समूह में ही निकलने। बच्चों को बाहर अकेले नहीं निकलने देने। पालतू जानवरों को घर के अंदर रखने। घर के आसपास झाड़ी की साफ-सफाई, सजगता के साथ भ्रमण करने की सलाह दी है। तेंदुआ दिखने पर फोन 9838583846 पर कॉल करने के लिए कहा गया है।

90 दिन की दहशत याद दिला रहा दिखा तेंदुआ

रहमानखेड़ा जंगल और आसपास के 60 गांवों के लोगों को 90 दिन तक बाघ की दहशत से लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हुए थे। वन विभाग की टीम ने पांच मार्च 2025 को बाघ को मुश्किल से पकड़ा था। कई महीने यहां स्कूल भी बंद रहे। इसके अलावा 28 दिसंबर 2024 को गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में हाॅकी खिलाड़ियों ने तेंदुआ देखा था। अब दिखे तेंदुए ने लोगों को फिर उसी दहशत की याद ताजा करा दी है।

विभाग को अब तक नहीं मिली पूरी धनराशि

रहमानखेड़ा इलाके में में 90 दिन तक दहशत फैलाने वाले बाघ को वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत से पकड़ा था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक उसे पकड़ने पर 50 लाख से अधिक की धनराशि खर्च हुई थी, लेकिन अवध वन प्रभाग को इसमें से 11.80 लाख रुपये ही मिल सके। शेष रकम अभी तक नहीं मिल सकी है।

गश्त करती टीम और गेट पर चिपका नोटिस।

गश्त करती टीम और गेट पर चिपका नोटिस।

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गश्त करती टीम और गेट पर चिपका नोटिस।

गश्त करती टीम और गेट पर चिपका नोटिस।

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