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संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। शराब के लिए पांच सौ रुपये न देने पर नर्सरी संचालक की पत्थर से सिर कूंचकर हत्या कर दी गई थी। इस ब्लाइंड मर्डर में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था पर कुछ दिन बाद सुरागकशी के आधार पर हत्यारोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस मामले में मंगलवार को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश शक्ति के न्यायालय ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई व 13 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जुर्माना अदा न करने पर दोषी की संपत्ति से जुर्माना राशि वसूल की जाएगी। आगरा के थाना एत्मातउददौला के रामबाग बस्ती व हाल निवासी सेल टैक्स ऑफिस के बगल से सिविल लाइन अशोक कुशवाहा ने 10 जनवरी 2020 में थाना सीपरी बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि उसका छोटा भाई अंबाबाय में नर्सरी संचालक था। 10 जनवरी को उसका भाई सुबह रोज की तरह अपने घर से नर्सरी पहुंचा पर शाम तक वापस नहीं आया। फोन करने पर भी नहीं उठाया तो वह नर्सरी पहुंचा। वहां उसका भाई खून में लथपथ पड़ा था। उसका सिर पूरी तरीके से कुचल दिया गया था तथा उसका मोबाइल गुम था। इसकी सूचना वादी ने सीपरी बाजार थाने में दी।पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस की सुरागकशी में पता चला कि उस दिन कुछ लोगों ने नर्सरी के अंदर से मोहर सिंह को हड़बड़ाते हुए बाहर निकलते देखा था। पुलिस ने इस आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर की कहानी से पर्दा उठाते हुए हत्यारोपी अंबाबाय निवासी मोहर सिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से मृतक धर्मेंद्र का मोबाइल भी बरामद किया गया था। पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह पहले मृतक धर्मेंद्र की नर्सरी पर काम करता था। 10 जनवरी को वह शराब के लिए पांच सौ रुपये लेने गया था पर धर्मेंद्र ने देने से इंकार कर दिया था। इस पर आक्रोश में आकर उसने पत्थर से सिर पर कई बार वार कर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि न्यायाधीश ने धारा 302 में आजीवन कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 404 में तीन वर्ष की सजा और तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। सभी सजा साथ-साथ चलेंगी। दोषी के पास से गिरफ्तारी के दौरान बरामद मृतक के मोबाइल को ठोस साक्ष्य मानते हुए न्यायाधीश ने सजा सुनाई।