Life imprisonment to five people including three real brothers in 14 year old case

अदालत का फैसला
– फोटो : प्रतीकात्मक

विस्तार


अलीगढ़ के जवां क्षेत्र में 14 वर्ष पहले भैंस खेत में जाने के विवाद में हुई हत्या के मामले में पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जिनमें तीन सगे भाई भी शामिल हैं। यह फैसला एडीजे-11 रजनेश कुमार की अदालत से सुनाया गया है। साथ में जुर्माना राशि में से आधी राशि मृत व्यक्ति के वारिस को देने का आदेश दिया है।

अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी तरुण वर्मा के अनुसार घटना 7 मई 2009 की है। वादी मुकदमा गांव रफीपुर सिया बेगमाबाद के गोपीचंद्र के अनुसार उनका भाई योगेंद्र व दूसरे भाई सत्यवीर का बेटा मुलायम सिंह खेतों में गांव के ही विजय सिंह के नलकूप के पास भैंस चरा रहे थे। तभी एक भैंस पड़ोसी गांव हेवतपुर सिया के विजय सिंह के खेत में चली गई। मुलायम सिंह भैंस को वहां से निकालकर लाया।

 

 इसी बीच खेत स्वामी पक्ष के लोग आ गए और भैंस के खेत में जाने से नुकसान का उलाहना देकर मुलायम सिंह को पीट दिया। इस पर योगेंद्र ने विरोध किया तो उसे भी पीट दिया। तभी एक नामजद ने अंटी में लगा तमंचा निकालकर योगेंद्र पर फायर कर दिया। जिससे वह वहीं गिर पड़ा। बाद में योगेंद्र को मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इस संबंध में मुकदमे में विजय सिंह, उसके भाई कमल सिंह, उमेश के अलावा पिता गिरवर, गांव के मुकुल व भोजराज को नामजद किया गया। पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दायर की। दौरान-ए-सत्र परीक्षण गिरवर की 12 अक्तूबर 2018 को मौत हो गई। बाकी के खिलाफ सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर उन्हें दोषी करार दिया गया है और सभी को उम्रकैद के अलावा 27-27 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं आर्म्स एक्ट में विजय पर दो हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगाया है। इस मुकदमे का ट्रायल 19 मई 2010 से शुरू हुआ और अब तक सात से अधिक गवाही हुईं। 



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