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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Wed, 26 Feb 2025 12:06 AM IST


कासगंज। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण सुधाकर राय के न्यायालय ने 12 वर्ष पहले हुई हत्या के तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। ढोलना क्षेत्र के ग्राम घिनौना निवासी प्रमोद कुमार व विजय सिंह से गांव के ही ज्ञान सिंह, राम सिंह, दौली व उमेश के साथ आबादी को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था। राम सिंह की पत्नी मुनीशा देवी ने उसके भाई को धमकी दी थी एक महीने के अंदर तुझे जान से मरवा देंगे। उसके अगले दिन 31 अगस्त 2013 को विजय सिंह व उनकी पत्नी ईश्वरी देवी खेत पर घास काटने गए थे। पत्नी तो वापस लौट लेकिन वह वापस नहीं आया। उसके घर पर न लौटने पर परिवारजन ने तलाश की लेकिन उनका कोई अता पता नहीं चला। एक सितंबर 2013 को उसका शव कटी अवस्था में खून से लथपथ महेंद्र के खेत में पड़ा मिला। उसके भाई प्रमोद ने थाना ढोलना में चारों के खिलाफ हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की विवेचना करते हुए चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने मामले की पूर्ण विवेचना कर 7 अक्टूबर 2013 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। उमेश की मुकदमे के बीच में मृत्यु हो गई। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने तीनों का हत्या की धाराओं में दोष सिद्ध किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत कर बचाव किया। विशेष न्यायालय न्यायाधीश ने तीनों को हत्या में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनते हुए पांच -पांच हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास भोगने का भी आदेश दिया। दोषियों की जेल में बताई हुई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।