
अंबहा गांव के पास कटरी क्षेत्र की कृषि भूमि से सब्जी तोडक़र बाढ़ के पानी से गुजरता किसान।
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डलमऊ (रायबरेली)। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण कटरी क्षेत्र के ग्रामीणों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। हर दिन लोगों की परेशानी बढ़ रही है, लेकिन उनका दर्द जानने वाला कोई नहीं है। लोग पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। धान, उड़द, तिल की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत लोगों को घर में पानी भर जाने से हो रही है। रास्तों पर पानी भरने से आवागमन ठप हो गया है। बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है। लोग सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं।
खतरे का निशान 99.360 मीटर के सापेक्ष रविवार को गंगा नदी का जलस्तर 99.110 मीटर पर पहुंच गया। अब नदी खतरे के निशान से महज 25 सेमी दूर है। कटरी क्षेत्र के चक मलिक भीटी, जमालनगर मोहद्दीनपुर, जहांगीराबाद, अंबहा, बबुरा, पूरे रेवती सिंह गांवों के अंदर पानी घुसने से इन गांवों में रहने वाले लोगों की समस्याएं हर दिन बढ़ रही हैं।
खासकर पानी आने जाने वाले रास्तों में भरने के कारण ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। बच्चों के पानी में डूबने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। जमाल नगर मोहिद्दीनपुर गांव में नाले पर बने पुल तक पानी पहुंच गया है। रविवार को लोग पुल में नहाते नजर आए।
पानी में डूबीं फसलें, मेहनत पर फिर गया पानी
बबुरा गांव निवासी महिपाल व बैजनाथ कहते हैं कि बाढ़ ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया है। धान, उड़द, तिल के अलावा सब्जी की फसल की बोवाई की थी। गंगा नदी के पानी से फसलें डूब गई हैं। ऐसे में उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। क्या करूं कुछ सूझ नहीं रहा है। जमाल नगर मोहिद्दीनपुर गांव के सुनील कहते हैं कि तीन बीघे धान की फसल व सब्जी की फसल डूब गई है।
पिछले साल बाढ़ आने पर नाव लगाई थी, लेकिन मजदूरी नहीं मिल पाई थी। ऐसे में इस बार नाव नहीं लगाई है। तहसील प्रशासन के अधिकारी मदद के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहे हैं। अंबहा गांव के श्रीपाल कहते हैं कि पानी आबादी क्षेत्र में घुस गया है। कई लोग सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं। तहसील प्रशासन मदद के नाम पर कुछ नहीं कर रहा है। अफसर गांव के बाहर आते हैं और लौट जाते हैं। गांव आकर उनकी व्यथा नहीं सुन रहे हैं।
फसल नुकसान का मुआवजा न मिलने का मुद्दा उठाया
उप जिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा ने रविवार को जमालनगर मोहद्दीनपुर स्थित बाढ़ चौकी कनहा में बैठक कर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह घबराएं नहीं हैं। प्रशासन उनके हर सुख दुख में साथ है। इस दौरान लोगों ने मुद्दा उठाया कि पिछली बार भी बाढ़ आने पर फसलें नष्ट हो गई थी। मुआवजा नहीं मिला था। इस बार भी फसलें डूब गई हैं। मुआवजा दिलाया जाए। इस पर एसडीएम ने फसल नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाए जाने की बात कही।