बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा के आठ सिपहसालारों का एलआईयू निगरानी कार्ड खोल दिया है। बवाल में अहम भूमिका निभाने वाले इन आरोपियों और इनके करीबियों की खुफिया जांच के बाद फाइल खोली जाएगी। इसके बाद ये सभी ताउम्र स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) की निगरानी में रहेंगे। 

पुलिस के मुताबिक मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद शहर में जुटी भीड़ ने बवाल किया था। इस दौरान पुलिस टीम पर पथराव व फायरिंग भी की गई थी। पुलिस की एंटी राइट गन व एक वायरलेस सेट लूट लिया गया था। इस दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। शहर में 10 स्थानों पर उपद्रवियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इस मामले में पुलिस अब तक मौलाना तौकीर रजा समेत 84 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इनमें तीन को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है। 

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पुलिस जांच के दौरान सामने आया है कि 26 सितंबर को भीड़ जुटाने और बवाल कराने में मौलाना के खास सिपहसालार डॉ. नफीस, नदीम खान, अफजाल बेग, पार्षद अनीस सकलैनी, मीडिया प्रभारी मुनीर अहमद उर्फ मुनीर इदरीसी, अल्तमश रजा, मौलाना एहसान उल हक चतुर्वेदी और साबिक जमाल खां की अहम भूमिका रही। यह आरोपी पहले भी ऐसे प्रदर्शन करते रहे हैं, जिनसे शहर की शहर की कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता था। ऐसे में अब इनको ताउम्र पुलिस के साथ-साथ खुफिया निगरानी में रहना होगा। 



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