मेडिकल कॉलेज में फैटी लिवर के रोजाना आ रहे 35 रोगी, जिनमें से तीन में मिल रही लिवर सिरोसिस

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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी।

शराब से ही नहीं बल्कि वसा युक्त भोजन, फास्ट फूड, शुगर व थायराइड रोगी भी लिवर सिरोसिस की चपेट में आ रहे हैं। बुंदेलखंड में इन रोगियों की संख्या दिन पर दिन तेजी से बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में फैटी लीवर के रोजाना 35 रोगी आ रहे हैं, जिनमें से औसतन तीन में लिवर सिरोसिस मिल रही है।

मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया आम धारणा है कि शराब पीने के आदी लोग ही फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस व फाइब्रोसिस के शिकार होते हैं जबकि ऐसा नहीं है। शराब पीने वालों के साथ -साथ बिना मेहनत किए ही ज्यादा वसायुक्त भोजन करने वाले तथा फास्ट फूड का सेवन करने वाले भी फैटी लिवर का शिकार हो रहे हैं।

वहीं, शुगर व थायराइड के रोगियों में भी यह दिक्कत तेजी से हो रही है। उन्होंने बताया कि फैट जमा होने से लिवर पर दबाव बढ़ने लगता है और लिवर की सेल्स में चर्बी जमा होने लगती है। जब यह बढ़ जाती है, तो लिवर सिरोसिस हो जाता है।

जब सिरोसिस का समय पर उपचार नहीं होता है, तो लिवर फाइब्रोसिस हो जाती है जिससे खून का संचार कम हो जाता है। इससे खून की उल्टी, पेट में पानी भरना, बेहोशी आना अथवा लीवर कैंसर हो जाता है। वसायुक्त भोजन करने वालों को व्यायाम आदि करना जरूरी है।

0- ये हैं लिवर सिसोरिस के लक्षण

लक्षण थकान होना। मतली व भूख नहीं लगना। वजन का तेजी से कम होना। जटिलता होने पर खून की उल्टी, पेट का फूलना अथवा पानी भरना, पेशाब के रास्ते से खून आना।

0- ऐसे बच सकते हैं लिवर की दिक्कत से

संतुलित भोजन करें। नियमित व्यायाम व टहलना। शुगर व थायराइड को कंट्रोल रखें। शराब के सेवन से बचाव। यदि थकान हो या खाना पचाने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

0-वर्जन

बुंदेलखंड में फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। ओपीडी में आने वाले रोगियों में 30-35 रोगी फैटी लिवर के मिल रहे हैं। इनमें औसतन तीन रोगी लिवर सिरोसिस के निकल रहे हैं, जिनका भर्ती करके उपचार किया जा रहा है।

डॉ. जकी सिद्दीकी, वरिष्ठ चिकित्सक मेडिकल कॉलेज



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