दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। एक ही दिन में करीब 7.76 लाख मामलों का निस्तारण हो गया। दीवानी न्यायालय और तहसील मुख्यालयों में मेले जैसा नजारा रहा। दिनभर वादकारियों की भीड़ लगी रही। टोरंट की बिजली समस्या और वाहनों के चालान जमा करने के लिए वादकारियों को अधिक परेशान होना पड़ा।

राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश संजय कुमार मलिक ने किया। उनके साथ अपर जिला, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दिव्यानंद द्विवेदी, अपर पुलिस आयुक्त राम बदन सिंह, उपभोक्ता आयोग द्वितीय के अध्यक्ष सर्वेश कुमार व अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। लोक अदालत में जिला जज ने 3 वादों और समस्त जनपद अपर न्यायाधीशों ने 662 वादों का निस्तारण किया। 

परिवार न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश तृप्ता चौधरी व अतिरिक्त न्यायाधीश ने 121 वादों का निस्तारण किया। मोटर दुर्घटना से संबंधित 87 वादों का निस्तारण कर पीड़ित पक्षों को करीब 6.45 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति दिलाई गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट, अपर, सिविल जज व अन्य ने 18 हजार 155 मामलों का निस्तारण करते हुए करीब 55 लाख रुपये जुर्माना किया। जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने स्थाई लोक अदालत ने 52 वाद निस्तारित कर 25.74 लाख रुपये की राशि पीड़ितों को दिलाई। 1.14 लाख मोटर वाहन चालान जमा हुए। इसी प्रकार तहसील, पुलिस आयुक्त कार्यालय, ग्रीन गैस, बीएसएनएल व अन्य कंपनियों की ओर से 6.54 लाख वादों का निस्तारण किया गया। टोरेंट के 510 और बैंकों के करीब एक हजार वादों का निस्तारण हुआ।

टोरंट के ‘करंट’ से परेशान, दीवानी में लगी लाइन

लोक अदालत में टोरंट पावर लिमिटेड के काउंटर पर सबसे अधिक वादकारियों की भीड़ लगी थी। किसी पर बिजली चोरी का आरोप लगा था तो किसी को बकाया बिल जमा करना था। इस दौरान लोगों की 6 लंबी लाइनें लगी हुई थीं। घंटों में नंबर आ रहा था। टोरंट की ओर से कई जोन में काउंटर बनाए गए थे। इन पर कर्मचारी बिल संबंधी जानकारी दे रहे थे। कई वादकारी सुबह से शांत तक भटकते रहे। बिल का निस्तारण नहीं हो सका।

 



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