
Lok Sabha Election 2024
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चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल शराब का होता है। जिला निर्वाचन अधिकारियों की सख्ती के कारण पहली बार यूपी में 57 करोड़ से ज्यादा की शराब सीज की गई है। अब राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों ने नया रास्ता खोज निकाला। दस रुपये के नए नोट की गड्डी से शराब बांटने का खुलासा हुआ।
दस के नोटों की सीरीज ही ‘कोडवर्ड’ है। हर दल और प्रत्याशी की अलग सीरीज है। जिसे शराब देनी होती है, उसे दस का ‘खास’ नोट दिया जाता है। उस नोट को दिखाकर दुकान से शराब मिल जाती है। छापों में शराब की जब्ती के दौरान सप्लाई के इस रास्ते की पहचान हुई।
चुनाव किसी भी दौर के हों, शराब हमेशा चर्चा में रहती है। शराब का वोटरों पर खासा असर पड़ता है। खास तौर पर ग्रामीण, पिछड़े और गरीब वर्ग में। सुरा प्रेमियों की इस कमजोर ‘नब्ज’ को नेता खूब जानते हैं इसीलिए चुनावी सीजन में कार्यकर्ताओं से लेकर वोटरों तक पर शराब पर पैसा पानी की तरह बहाया जाता है।
इस बार भी शराब पर पैसा जमकर खर्च किया गया लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारियों की चौकसी ने रंग में भंग डाल दिया। शराब की रोजाना धरपकड़ और निगरानी की वजह से इसका तोड़ निकाल लिया। हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारियों की टीमों ने इसमें भी सेंध लगा दी और शराब को जब्त किया है।