
lok sabha election
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साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली बसपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। संसद पहुंचने वाले उसके 10 सांसदों में तीन मुस्लिम थे। इस बार बसपा की रणनीति सपा-कांग्रेस गठबंधन को नुकसान पहुंचाने के संकेत दे रही है।
पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी ने इसी रणनीति के तहत प्रत्याशियों की घोषणा करनी शुरू कर दी है। अब तक घोषित किए गए उसके सात प्रत्याशियों में से पांच मुस्लिम हैं। हैरानी की बात यह है कि बसपा अपने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट देने के मूड में नहीं दिख रही है।
फिलहाल पार्टी के साथ अपनी आस्था जताने वाले बिजनौर से सांसद मलूक नागर की जगह विजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। उनका मुकाबला रालोद के चंदन चौहान से होगा। यानी यहां जाट और गुर्जर मैदान में हैं, कांग्रेस-सपा का प्रत्याशी घोषित होना बाकी है।
कांग्रेस के खेमे में जा रहे अमरोहा के सांसद दानिश अली की जगह डॉ. मुजाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया गया है। सहारनपुर के बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को कांग्रेस टिकट दे सकती है, लिहाजा बसपा ने माजिद अली को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।