
अखिलेश और डिंपल के साथ एटा के सांसद
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लोकसभा में 10 साल बाद एटा विपक्ष का हिस्सेदार बना है। इससे पहले दो कार्यकाल में भाजपा के सांसद राजवीर सिंह यहां का प्रतिनिधित्व लोकसभा में करते रहे। इस दरम्यान एटा सत्ता पक्ष का हिस्सा बनकर रहा था।
लंबे समय बाद 2014 में एटा को केंद्र सरकार में हिस्सेदारी का मौका मिला था। उस चुनाव में जहां केंद्र में प्रचंड बहुमत के साथ मोदी सरकार बनी, तो एटा लोकसभा सीट पर भाजपा के राजवीर सिंह चुनाव जीते। इससे पहले 2009 में यूपीए सरकार बनी थी। उस कार्यकाल में निर्दलीय कल्याण सिंह एटा से सांसद चुने गए थे। ऐसे में एटा के सांसद सत्ता से दूर रहे। 2004 और उससे पहले 1999 में सपा के देवेंद्र सिंह यादव चुनाव जीतकर एटा सांसद बने थे, लेकिन 2004 में यूपीए और 1999 में एनडीए की सरकार बनी थी। इसमें सपा की कोई भागीदारी नहीं रही थी।
