
फाइल फोटो
– फोटो : amar ujala
विस्तार
एक कार्यकाल पूरा करने के बाद भाजपा ने अगला चुनाव और जबरदस्त तरीके से जीता। मोदी रथ पर सवार भगवा खेमे ने 2019 में 302 संसदीय सीटें जीतीं। अकेले यूपी की 64 सीटों पर कब्जा किया। भाजपा को 49.98 प्रतिशत मत मिले। हालांकि, भाजपा के लिए राह इतनी आसान नहीं थी।
25 साल बाद बसपा और सपा ने समझौता कर यूपी की 38-38 सीटों पर लड़ने का एलान किया। रालोद भी इसी गठबंधन में शामिल था। भाजपा ने अपनी सधी चालों से सारे हथियारों को भोथरा करते हुए प्रचंड जीत हासिल की।
लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन के बाद राजनीतिक विश्लेषक मान रहे थे कि भाजपा प्रदेश में 20-25 सीटों पर सिमट जाएगी। मुस्लिम, यादव और दलित गठजोड़ के चलते भाजपा चुनावी रेस में बहुत पीछे रह जाएगी। लेकिन उप चुनाव के नतीजे से सबक लेकर भाजपा ने धरातल पर काम शुरू कर दिया था।
सरकार ने अंत्योदय के सिद्धांत पर लाभार्थीपरक योजनाओं को धरातल पर उतारा और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दों को आगे बढ़ाया। दूसरी ओर भाजपा ने भी पिछड़े वर्ग सम्मेलन, अग्रिम मोर्चों के 476 सम्मेलन, चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान करीब 700 छोटी बड़ी रैलियां आयोजित कर जमीन मजबूत की।