Lok Sabha Elections: SP's strategy to hold its own failed, leaders from every region are leaving the party

एक समय करीबी थे अखिलेश यादव मनोज पांडेय।
– फोटो : amar ujala

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समाजवादी पार्टी की अपने नेताओं को थामने की रणनीति विफल साबित हो रही है। पूर्व मंत्री संजय गर्ग बुधवार को लखनऊ में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। दूसरी ओर, सपा के महासचिव पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व सांसद सलीम शेरवानी ने सहसवान (बदायूं) में अपने समर्थकों की बैठक की। बैठक में तय हुआ कि वे सेक्युलर सोच के उम्मीदवार को समर्थन देंगे, भले ही वह किसी भी दल का हो।

समाजवादी पार्टी में असंतोष के स्वर पिछले साल नवंबर में ही सुनाई देने लगे थे, जब खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे कद्दावर नेता रहे रवि प्रकाश वर्मा ने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे। उसके बाद हाल ही में जब सपा ने राज्यसभा चुनाव के तीन प्रत्याशी उतारे, तब यह अंसतोष भगदड़ में तब्दील हो गया। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीडीए की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी और विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया।

सपा में स्वामी प्रसाद मौर्य और विधानसभा में पार्टी के तत्कालीन मुख्य सचेतक मनोज पांडे दोनों ही विपरीत ध्रुव की तरह माने जाते थे। दोनों एक-दूसरे को भाजपा का एजेंट बताते थे। लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान इन दोनों नेताओं ने सपा से अलग रास्ता अपना लिया। मनोज पांडे समेत सपा के सात विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। यही नहीं राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों को तय करने में पीडीए की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पांच बार के सांसद रहे सलीम शेरवानी ने भी राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। उनका चुनाव क्षेत्र बदायूं रहा है। इसके बाद सपा ने बदायूं से धर्मेंद्र यादव के बजाय शिवपाल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया। शिवपाल ने सलीम शेरवानी को मनाने के लिए फोन किया। इस पर चार मार्च को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सलीम शेरवानी के बीच मुलाकात हुई।

मुलाकात को लेकर सलीम शेरवानी ने कहा कि बैठक में उन्होंने सपा अध्यक्ष के सामने मुसलमानों के मामले में ढंग से आवाज न उठाने का मुद्दा रखा। सलीम शेरवानी का यह भी कहना है कि अखिलेश से हुई बातचीत से कोई समाधान नहीं निकला। मुलाकात के बाद शेरवानी ने बुधवार को सेक्युलर फ्रंट के तहत सहसवान में अपने समर्थकों के साथ मंथन किया। कहा कि इस बार हम धर्मनिरपेक्ष सोच और साफ छवि के प्रत्याशियों का ही समर्थन करेंगे। यह पूछे जाने पर कि बदायूं में किसे समर्थन देंगे, सलीम शेरवानी ने जवाब दिया कि सभी पार्टियों के प्रत्याशी घोषित होने दें, उसके बाद ही तय करेंगे।

इन सबके बीच सहारनपुर नगर सीट से विधायक रहे संजय गर्ग के साथ छोड़ने से सपा को पश्चिम में झटका लगा है। वे अपना पिछला चुनाव भाजपा प्रत्याशी राजीव गुंबर से हार गए थे, जिसके बाद से वे सपा में हाशिये पर चल रहे थे।



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