Lok Sabha Elections: This time less number of women will reach Parliament from UP, maximum number of women MPs

यूपी से इस बार आठ महिला सांसद चुनी गईं।
– फोटो : अमर उजाला

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संसद में इस बार उत्तर प्रदेश से महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व कम हो गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी ने 11 महिलाओं को लोकसभा भेजा था। इनमें से अकेले आठ महिलाएं भाजपा की थीं। इस बार यूपी से केवल आठ महिलाएं संसद पहुंची हैं। इनमें से पांच अकेले सपा की हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी की अमेठी, सुलतानपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, धौरहरा, मथुरा.बदायूं और फूलपुर सीट पर भाजपा का कब्जा था। यहां से स्मृति जुबिन ईरानी, मेनका संजय गांधी, रीता बहुगुणा जोशी, साध्वी निरंजन ज्योति, रेखा अरुण वर्मा, हेमा मालिनी, संघमित्रा मौर्य और केसरी देवी पटेल ने विजय हासिल की थी। वहीं सोनिया गांधी रायबरेली, डिम्पल यादव मैनपुरी और अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से जीतकर संसद पहुंची थीं।

इस बार का नजारा उलट है। यूपी से संसद पहुंचने वाली आठ महिलाओं में से पांच सपा के टिकट पर जीती हैं। सपा की प्रिया सरोज सबसे कम उम्र में सांसद बनी हैं। मछलीशहर सीट से जीत दर्ज करने वाली 25 वर्षीय प्रिया सरोज सपा के पूर्व सांसद व वर्तमान में केराकत से सपा विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। 

इकरा हसन की भी चर्चा हो रही हैं। सिर्फ 27 वर्ष की उम्र में कैराना लोकसभा सीट से सांसद बनी इकरा हसन ने भाजपा के प्रदीप कुमार को शिकस्त दी है। सपा की महिलाओं उम्मीदवारों की सूची में एक नाम रुचि वीरा का भी है, जिन्होंने मुरादाबाद सीट से परचम लहराया है। बांदा से सपा ने कृष्णा देवी शिवशंकर पटेल पर भरोसा जताया था और वह उम्मीद कसौटी पर खरी उतरीं। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने रिकॉर्ड वोटों से जयवीर सिंह को पराजित किया।

उनके अतिरिक्त मथुरा से हेमामालिनी ने भाजपा का रुतबा कायम रखा। मिर्जापुर से अपना दल (एस) से खड़ीं अनुप्रिया पटेल भी कांटे की लड़ाई में अपनी सीट बचाने में सफल रहीं। बाराबंकी से कांग्रेस के टिकट पर तनुज पुनिया ने जीत हासिल की।



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