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अवध के साथ ही पूरे देश की चर्चित संसदीय सीटों में शुमार अमेठी एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह, 2019 से पूर्व तक गांधी परिवार की गढ़ मानी जाने वाली सीट पर करीब 55 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने वाली स्मृति जूबिन इरानी एक बार फिर मैदान में हैं। उनका मुकाबला किससे होगा, यह अभी तय नहीं है। गठबंधन की तरफ से हर दिन एक नया नाम सामने आ रहा है। कोई गांधी परिवार की दावेदारी ठोंक रहा है तो कोई नया समीकरण प्रस्तुत कर रहा है।
स्मृति इरानी के समक्ष गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में दोबारा जीत का रिकॉर्ड बनाने की चुनौती भी कम नहीं है। राह न पहले जैसी आसान है और न ही समीकरण ही सहज और सधे हुए। पूरी तस्वीर कांग्रेस के पत्ते खोलने के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन अनुसूचित जाति, मुस्लिम व पिछड़ा वर्ग का सूत्र बड़े सवाल हल कर सकता है।
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वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी संसदीय सीट में कुल पांच विधानसभाएं हैं। इनमें अमेठी, जगदीशपुर, गौरीगंज व तिलोई अमेठी जिले की हैं, जबकि सलोन विधानसभा रायबरेली जिले की है। बीते तीन चुनावों की बात करें तो अमेठी की जनता का मूड बदला-बदला नजर आया। वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी समर में उतरे राहुल गांधी ने 57.24 फीसदी मतों के अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन, 2014 के चुनाव में परिणाम कुछ अलग दिखा। इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं स्मृति जूबिन इरानी मजबूती से लड़ीं। यह बात अलग है कि राहुल गांधी ने जीत दर्ज की, लेकिन मतों का प्रतिशत 25.07 फीसदी घटने के साथ ही जीत के अंतर में 32.83 फीसदी कमी आई। हार के बाद भी स्मृति ने अमेठी को नहीं छोड़ा। यहां से निरंतर जुड़ी रहीं। इसका सुखद परिणाम भी उन्हें मिला।
वर्ष 2019 के चुनाव में स्मृति ने गांधी परिवार के गढ़ को ध्वस्त कर जीत दर्ज कर ली। संसदीय सीट की पांच विधानसभाओं में से चार पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। हालांकि तब मोदी का जादू चला। खुद प्रधानमंत्री ने जनसभा भी की। एक बार फिर भाजपा ने स्मृति पर ही भरोसा जताया है लेकिन सामने कौन होगा, यह तय नहीं है। इन सबके बीच अभी तक अमेठी से सिर्फ तीन गैर कांग्रेसी सांसद हुए। ऐसे में गैर कांग्रेसी सांसद के दोबारा जीतने, जीत का अंतर बढ़ाने, सभी पांचों विधानसभा सीटों से जीत हासिल करने की एक बड़ी चुनौती स्मृति के सामने है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जैसे बड़े दायित्व को संभालने के कारण पड़ोस की सीटों पर भी भाजपा को मजबूत करने की भी बड़ी जिम्मेदारी है।
स्मृति की मजबूती
जनता के बीच उपलब्धता
शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन
संवाद कार्यक्रम से सीधा जुड़ाव
संगठन में मजबूत पकड़
कोविड काल में दवा से लेकर ऑक्सीजन की उपलब्धता की निगरानी
चुनाव में चुनौती
ग्रामीण स्तर पर हस्तक्षेप से बढ़ी गुटबंदी
नये उद्योगों की स्थापना के साथ ही पुरानों का विकास
जिला मुख्यालय पर परिवहन सेवाओं की मजबूती
सलोन व अमेठी विधानसभा में कमजोरी
तिलोई विधानसभा में जनाधार बढ़ाना
अमेठी की फैक्ट फाइल
कुल विधानसभा – 05
पुरुष मतदाता – 9,37,147
महिला मतदाता – 8,48,878
कुल मतदाता – 17,86,125
थर्ड जेंडर – 100
सर्विस वोटर – 2606
मतदेय स्थल – 1923
मतदान केंद्र – 1125
जातिगत आंकड़ा
– अनुसूचित जाति 25 प्रतिशत
– मुस्लिम 21 प्रतिशत
– पिछड़ा वर्ग 23 प्रतिशत
– ब्राह्मण 16 प्रतिशत
– ठाकुर 13 प्रतिशत
– अन्य 02 प्रतिशत
नोट: यह आंकड़े राजनीतिक पार्टियों से जुटाए गए हैं।
2019 का चुनाव परिणाम
स्मृति जूबिन इरानी भाजपा – 4,68,514
राहुल गांधी कांग्रेस – 4,13, 394
विधानसभावार स्थिति
गौरीगंज
स्मृति जूबिन इरानी – 98986
राहुल गांधी – 79013
अमेठी
स्मृति जूबिन इरानी – 80148
राहुल गांधी – 80378
जगदीशपुर
स्मृति जूबिन इरानी – 101977
राहुल गांधी – 84063
तिलोई
स्मृति जूबिन इरानी – 96292
राहुल गांधी -81128
सलोन
स्मृति जूबिन इरानी – 90195
राहुल गांधी – 88285
दोनों को मिले मत
स्मृति जूबिन इरानी – 4,68,514
राहुल गांधी – 4,13,394
नोट : भाजपा प्रत्याशी स्मृति जूबिन इरानी ने 4,68,514 मत पाकर कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी को 55,120 मतों के अंतर से हराया था। अन्य 25 दलीय/निर्दलीय प्रत्याशी 10 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर सके।
2014 का चुनावी परिणाम
राहुल गांधी कांग्रेस – 4,08, 651
स्मृति इरानी भाजपा – 3,00,451
विधानसभावार स्थिति
गौरीगंज
राहुल गांधी — 85557
स्मृति जूबिन इरानी — 63193
अमेठी
राहुल गांधी — 76519
स्मृति जूबिन इरानी — 49567
जगदीशपुर
राहुल गांधी — 81210
स्मृति जूबिन इरानी — 66969
तिलोई
राहुल गांधी — 77253
स्मृति जूबिन इरानी — 66004
सलोन
राहुल गांधी — 88111
स्मृति जूबिन इरानी — 55014
नोट: पांचों विधानसभा क्षेत्रों में नोटा सहित कुल 8,74,625 मत पड़े थे। सभी मत वैध पाए गए थे।