अमर उजाला ब्यूरो
ललितपुर। मोहल्ला नई बस्ती में बुधवार को भगवान शालिग्राम और तुलसी महारानी का विवाह धूमधाम से हुआ। इस दौरान बरात में श्रद्धालु भावविभोर होकर नृत्य करते रहे।
देर शाम चंडी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी चंदेश्वर गिरि महाराज ने भगवान शालिग्राम के विमान को हीरानंद महाराज के सिर पर रख कर बरात का शुभारंभ किया। बैंडबाजे के साथ बरात जब आगे बढ़ी तो रास्ते में श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। रात करीब आठ बजे तुलसी महारानी की ओर से मनमोहन बबेले व उनकी पत्नी विमला बबेले ने बरात की अगुवानी कर द्वारचार की रस्म निभाई। जयमाल के दौरान जहां शालिग्राम को माला पहनाई गई, वहीं तुलसी महारानी को भव्य रूप से सजाकर माला और चुनरी पहनाई गई। शालिग्राम पक्ष से आए चढ़ावा में कपड़े और चांदी के आभूषण आदि दिया गया। मंडप में तुलसी महारानी (पौधा) को दुल्हन के रूप में सजाकर फेरे की रस्म निभाई गई। इस दौरान मनमोहन व विमला के अलावा पूजा तिवारी, बृजेश बबेले, विमल, नीलू बबेले, राजू शर्मा, बेबी तिवारी सहित कई लोगों ने कन्यादान की रस्म निभाई। विवाह संपन्न कराने में बाबा हीरानंद गिरि सहित अन्य आचार्य मौजूद रहे।
….तो किया तुलसी महारानी का कन्यादान
कन्यापक्ष की भूमिका निभा रहे मनमोहन बबेले ने कहा कि उनके तीन बेटे हैं, बेटी कोई नहीं, लेकिन तुलसी महारानी का कन्यादान करने का पुण्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मान्यता है कि जिस घर बेटी का कन्यादान नहीं होता, वह आंगन सूना रहता है। बेटी का कन्यादान सबसे बड़ा दान माना गया है, यही वजह है कि तुलसी महारानी का कन्यादान कर जीवन धन्य हो गया।