Samajwadi Party is silently working on ticket distribution in Uttar Pradesh.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala

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सपा ने बड़ी ही खामोशी से लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है। पार्टी अब तक अपने करीब 10-12 नेताओं को मैदान में उतारने का संकेत दे चुकी है। हालांकि इस बारे में पार्टी के जिम्मेदार सार्वजनिक बयान देने से बच रहे हैं पर इतना जरूर कहते हैं कि अगस्त-सितंबर तक सभी उम्मीदवार फाइनल कर दिए जाएंगे।

पार्टी की जिलेवार बैठकों का भी मुख्य उद्देश्य यही फीडबैक लेना है कि संबंधित सीटों पर किस नेता का चयन कैसा रहेगा? इन बैठकों से पार्टी नेतृत्व स्थानीय स्तर पर उस नेता के पक्ष में अधिकतम संभव सहमति बनाने का प्रयास भी कर रहा है जो उनके लिहाज से जिताऊ हो सकता है। सिलसिलेवार कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर जिन जिलों में लगाए जा रहे हैं, वहीं ये बैठकें पार्टी मुख्यालय पर उस क्षेत्र विशेष के लोगों को बुलाकर भी हो रही हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा की मैनपुरी, कन्नौज, आजमगढ़ और फिरोजाबाद सीटें मुलायम परिवार के बीच ही रहेंगी। अलबत्ता इस लिहाज से बदायूं सीट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। बदायूं से धर्मेंद्र यादव सांसद रह चुके हैं, पर वर्तमान में यहां से सपा के फायर ब्रांड नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा सांसद हैं। संघमित्रा भाजपा के टिकट पर जीती थीं।

मुरादाबाद से उसके मौजूदा सांसद एसटी हसन ही आगामी चुनाव लड़ेंगे। बलिया, मऊ, लखीमपुर खीरी और डुमरियागंज में भी पार्टी नेतृत्व इशारा कर चुका है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि 10-12 सीटों पर नेताओं से औपचारिक रूप से लड़ने की तैयारी करने के लिए कह दिया गया है। इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि हम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। अगस्त-सितंबर तक अपने सभी टिकट फाइनल कर देंगे, ताकि उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।



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