Dr Sanjay Nishad wants big share in BJP alliance.

यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद व सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर।
– फोटो : amar ujala

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भाजपा में सुभासपा की बढ़ती अहमियत को देखते हुए अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष व सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद भी दबाव बनाने में जुट गए हैं। इसके लिए वह लखनऊ से दिल्ली तक भाजपा नेताओं से लगातार मिलकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लगे हैं। निषाद चाहते हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनकी सीटें बढ़ें, पर सुभासपा से गठबंधन होने की स्थिति में उनकी अहमियत भी कम न हो। सूत्रों की मानें तो संजय निषाद भाजपा नेतृत्व के सामने प्रदेश के 38 से अधिक लोकसभा सीटों पर निषाद जाति के प्रभाव का आंकड़ा पेश कर चुके हैं।

दरअसल सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर में भाजपा की बढ़ती दिलचस्पी को देखकर संजय निषाद को गठबंधन में अपनी अहमियत की चिंता सताने लगी है। यही वजह है कि उन्होंने लखनऊ के बजाय दिल्ली में भाजपा नेताओं से मेलजोल बढ़ा दिया है और गाहे-बगाहे ओम प्रकाश राजभर पर सियासी तंज कसने से भी नहीं चूक रहे हैं। हाल ही में कई जिलों में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलनों में निषाद राजभर पर जमकर निशाना साधते रहे हैं। निषाद राजभर को भाजपा गठबंधन का स्थायी पार्टनर भी नहीं मानते हैं। कार्यकर्ताओं के बीच वह इस बात का भी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि गठबंधन की राजनीति में जिस तरह धैर्य, तटस्थता और मर्यादा का ध्यान रखना पड़ता है, वह हुनर राजभर में नहीं है।

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सूत्रों की मानें तो भाजपा नेताओं से होने वाली हर मुलाकात में संजय निषाद यूपी खासकर पूर्वांचल में राजभर जाति की संख्या को लेकर ओमप्रकाश के दावे को खारिज करते रहे हैं। दरअसल निषाद इस कोशिश में जुटे हैं कि राजभर से गठबंधन होने की स्थिति में उनकी सियासी हैसियत में किसी प्रकार का ”डेंट” न लगने पाए। उनकी यह भी कोशिश है कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनकी भागीदारी बढ़े, जिससे प्रदेश के साथ ही केंद्र में भी सरकार बनने पर उनको प्रतिनिधित्व मिल सके।

तीन दर्जन से अधिक सीटों पर निषाद जाति के प्रभाव का दावा

– सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में संजय निषाद भाजपा नेतृत्व के सामने लोकसभा सीटों में भागीदारी को लेकर दावेदारी पेश कर चुके हैं।

– उन्होंने पूर्वांचल और अवध क्षेत्र की तीन दर्जन से अधिक सीटों पर निषादों के प्रभाव का दावा करते हुए निषाद व उप जातियों के मतदाताओं का आंकड़ा भी पेश किया है। वह पूर्वांचल की 4 से 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा भी जता चुके हैं।

एक बेटा सांसद और एक बेटा है विधायक

भाजपा से सुभासपा के अलग होने के बाद निषाद ने भाजपा में अपनी अहमियत भी बढ़ाई है। पर, इसे बरकरार रखना बड़ी चुनौती है। मौजूदा समय में संजय निषाद एमएलसी हैं और सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। इनके अलावा उनका एक बेटा सांसद और दूसरा विधायक है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी को कुल 16 सीटें मिली थीं। इनमें से निषाद पार्टी के सिंबल पर छह और भाजपा के सिंबल पर पांच विधायक जीते थे। अब संजय निषाद लोकसभा चुनाव में भी इसी आधार पर भागीदारी के लिए मोलभाव करने में जुटे हैं।



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