
संजीव माहेश्वरी जीवा
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गैंगस्टर जीवा को मौत के घाट उतारने वाले शूटर को बदन सिंह बद्दो के गुर्गों ने असलहा चलाने की ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग करीब 15 दिनों तक उत्तराखंड में चली थी। पुख्ता सूत्रों से इसका खुलासा हुआ है। वहीं शूटर कई दिनों तक अलग-अलग शहरों में भी रहा था। इसमें प्रयागराज और वाराणसी के अलावा लखनऊ भी है। इस दौरान बद्दो के गुर्गे उसके साथ रहे।
सूत्रों के मुताबिक बद्दो के गुर्गों ने बाकायदा विजय को ट्रेनिंग दी थी, जिससे किसी तरह की कोई चूक की गुंजाइश न रहे। विजय ने रिवाॅल्वर की छह की छह गोलियां दागी थीं। सभी गोलियां जीवा को लगी थीं। जो कोई शातिर शूटर ही कर सकता था। इससे साफ है कि विजय को असलहा चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। एक और अहम जानकारी मिली। वारदात से कुछ वक्त पहले वह प्रयागराज व वाराणसी में रहा। वहां पर रहकर बद्दो के गुर्गों ने उसको जीवा से संबंधित और जानकारियां उपलब्ध कराईं। हालांकि ये भी आशंका है कि इन शहरों में रहने की वजह और भी हो सकती हैं।
लखनऊ के गुर्गे का लगा सुराग
सूत्रों के मुताबिक विजय वारदात से पहले करीब दस दिनों तक चिनहट में रहा। जिसने उसको ठहराया वह कोई कारोबारी है। जिस अज्ञात गुर्गे की बात की जा रही है वह इंदिरानगर या चिनहट का ही रहने वाला है। ऐसी जानकारी सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को इस बारे में कई अहम सुराग व जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर तहकीकात जारी है।
मुखबिरी करने की आशंका थी
कुछ वक्त पहले बद्दो का करीब पुलिस के हत्थे चढ़ा था। सूत्रों के मुताबिक बद्दो को शक था कि जीवा ने ही उसकी मुखबिरी कराई, जिसकी वजह से वह पकड़ा गया। इसी तरह के कई और मामले थे, जिससे दोनों के बीच खुन्नस बढ़ती गई।