लखनऊ के अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शुक्रवार को उड़ानों की भारी अव्यवस्था देखने को मिली। करीब 30 प्रतिशत उड़ानें रद्द होने से आने–जाने वाली कुल 42 फ्लाइटें निरस्त रहीं। इससे 2400 यात्रियों समेत लगभग 10 हजार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इंडिगो की 7 उड़ानें सहित कुल 8 फ्लाइटें भी रद्द रहीं।

कई यात्रियों ने बताया कि वे 5 से 20 घंटे तक एयरपोर्ट पर इंतजार करने के बाद यह जान सके कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है। अचानक हुए इस बदलाव ने यात्रियों में गुस्सा भड़का दिया और कई जगह हंगामा हुआ। आरोप है कि एयरलाइंस और एयरपोर्ट स्टाफ सही जानकारी नहीं दे रहे थे, जिसके कारण यात्रियों का घंटों वक्त एयरपोर्ट पर व्यर्थ गया।

एयरपोर्ट से रोजाना 144 उड़ानें संचालित होती हैं, जिनमें से 65 इंडिगो की हैं। शुक्रवार को 21 आने और 21 जाने वाली उड़ानें निरस्त हो गईं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना और कोलकाता समेत कई मार्ग प्रभावित रहे। परेशान होकर 1290 से अधिक यात्रियों ने अपने टिकट कैंसिल कराए और दूसरे माध्यमों से यात्रा करना बेहतर समझा।

उड़ानें रद्द होने का असर किराये पर भी साफ दिखा।

लखनऊ–मुंबई का किराया जहाँ आमतौर पर 5,000 रुपये होता था, वह बढ़कर 48,000 रुपये तक पहुँचा।

हैदराबाद रूट पर एयर इंडिया का किराया 42,665 रुपये और बेंगलूरू का 68,790 रुपये दर्ज हुआ।

लखनऊ–दिल्ली के टिकट 14,000–17,000 रुपये तक पहुँच गए, जो सामान्यतः 4,000 रुपये रहते हैं।

7 दिसंबर की एयर इंडिया की रात 8:30 बजे वाली उड़ान का किराया 46,301 रुपये हो गया।

इंडिगो काउंटर पर स्थिति सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रही। यात्रियों ने बताया कि इंडिगो की वेबसाइट और ऐप पर उड़ानें सामान्य दिखाई दे रही थीं, जिससे लोग ऑनलाइन बोर्डिंग पास तक निकाल लेते थे। लेकिन एयरपोर्ट पहुँचने पर पता चलता कि फ्लाइट रद्द हो चुकी है। कर्मचारियों के पास भी सही जवाब नहीं होने से गुस्सा बढ़ता चला गया। रिफंड और रीशेड्यूलिंग पर भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही थी।

कुछ यात्रियों की परेशानी चरम पर पहुँच गई।

प्रतापगढ़ के रूपम यादव परिवार सहित लखनऊ से मुंबई होते हुए तंजानिया जाने वाले थे। तंजानिया की फ्लाइट रद्द होने पर उन्होंने 4.50 लाख रुपये खर्च कर नया टिकट खरीदा, लेकिन बाद में लखनऊ–मुंबई की उड़ान भी रद्द मिली। इसके बाद शुक्रवार की दोपहर 2 बजे वाली उड़ान भी निरस्त हो गई। परिवार पिछले 24 घंटे से अधिक समय से एयरपोर्ट पर अटका रहा।

पुणे के सुभाष रावल अपने बेटे की पेरेंट–टीचर मीट के बाद अयोध्या होकर 3 दिसंबर को पुणे लौटने वाले थे, पर उनकी उड़ान रद्द कर दी गई। उन्हें 4 दिसंबर को लखनऊ से उड़ान पकड़ने को कहा गया, पर वह भी न मिली। अंततः उन्होंने सड़क मार्ग से ही 50,000 रुपये अतिरिक्त खर्च कर परिवार सहित पुणे लौटने का फैसला किया।

एयरपोर्ट पर दिनभर अव्यवस्था, अफरातफरी और गुस्से का माहौल बना रहा। यात्री लगातार मांग कर रहे हैं कि एयरलाइंस समय रहते सूचना दें, ताकि वे समय और पैसे दोनों की बचत कर सकें।



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