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प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या करने वाले चार शूटरों के पुलिस एनकाउंटर के मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग को दो माह का अतिरिक्त समय दिया है। दो सदस्यीय आयोग अब अपनी रिपोर्ट अगस्त के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार को सौंप सकता है। गृह विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि 24 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटरों ने गोलियां व बम बरसाकर उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या कर दी थी। इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने छह मार्च को घटना में शामिल शूटर अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। 13 अप्रैल को एसटीएफ ने झांसी के बड़ागांव क्षेत्र में अतीक के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था।
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राज्य सरकार ने चारों शूटरों के एनकाउंटर की जांच कराने के लिए 15 अप्रैल को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। आयोग में पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता को सदस्य बनाया गया था। आयोग को दो माह में जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए गए थे।
गवाहों के बयान होना बाकी
सूत्रों के मुताबिक चार शूटरों के एनकाउंटर के मामले की जांच पूरी करने के लिए आयोग ने राज्य सरकार से अतिरिक्त समय देने की मांग की थी। दरअसल, मामले में अभी तमाम गवाहों के बयान होने हैं। इसके बाद बयानों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके अलावा एनकाउंटर के बाद मौके से जुटाए गए कई अहम साक्ष्यों का परीक्षण भी किया जा रहा है। इसे पूरा करने में आयोग को अभी वक्त लगेगा। इसकी वजह से उसे दो माह का अतिरिक्त समय दिया गया है।