Lucknow : ED is looking for Jalal Zaidi, a key figure in the scholarship scam

प्रवर्तन निदेशालय।
– फोटो : amar ujala

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छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी को जालसाज संजय राय शेरपुरिया जैसे किरदार की तलाश है। खुद को आईएएस अफसर बताने वाला मेरठ का जलाल जैदी छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी हाइजिया के संचालकों की मदद कर रहा था। जैदी का नाम हाइजिया ग्रुप की आयकर विभाग की जांच में भी सामने आ चुका है। वह राजधानी में तैनात रहे दो आईएएस अफसरों के जरिए अायकर विभाग के अफसरों पर कार्रवाई न करने का दबाव बना रहा था। उसके बारे में पुख्ता जानकारियां मिलने के बाद ईडी की एक टीम जल्द मेरठ भेजने की तैयारी है ताकि उसे गिरफ्तार किया जा सके।

ईडी ने हाइजिया के संचालक और घोटाले के मास्टरमाइंड सईद इशरत हुसैन जाफरी उर्फ लकी जाफरी की तलाश में बुधवार को छापे मारे तो उसके हाथ लकी जाफरी का करीबी अफजल जाफरी और कॉलेज का अकाउंटेंट अम्मार काजमी लग गया। दोनों से पूछताछ करने के बाद उनको साथ लेकर ईडी की टीमों ने बृहस्पतिवार को राजधानी के बालागंज इलाके में स्थित एक फ्लैट पर छापा मारा।

इस फ्लैट से ईडी को 40 से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज और तमाम अन्य संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। वहीं ईडी की एक टीम ने गिरफ्तार कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता के आवास पर भी छापा मारा, जहां से उसके 20 बैंक खातों को संचालित करने की जानकारी हाथ लगी है। ईडी की टीमें लगातार अफजल जाफरी और अम्मार काजमी से पूछताछ कर रही हैं।

नेपाल गया था अफजल

जांच में सामने आया है कि अफजल जाफरी घोटाले के मास्टरमाइंड लकी जाफरी के साथ नेपाल भी गया था। दरअसल, हाइजिया के संचालक छात्रवृत्ति घोटाले की रकम से देश-विदेश में 50 कॉलेज खोलने की योजना पर काम कर रहे थे। इसके लिए पूर्वोत्तर राज्यों के कई शहरों में जमीनों की खरीद-फरोख्त भी की गई थी। वहीं, नेपाल में भी फॉर्मेसी कॉलेज खोलने की तैयारी थी। लकी जाफरी अपने साथ अफजल को लेकर हर जगह जाता था जिसकी वजह से ईडी लगातार उससे पूछताछ कर बयान दर्ज कर रही है।

रवि प्रकाश को बताया प्रोफेसर

गिरफ्तार आरोपी रवि प्रकाश गुप्ता को हाइजिया के संचालक प्रोफेसर बताकर 98 हजार रुपये तनख्वाह देते थे। साथ ही, फर्जी छात्रवृत्ति के केस लाने पर कमीशन भी दिया जाता था। इसकी बदौलत वह चंद सालों में करोड़पति बन गया था। उसके 20 बैंक खातों में लाखों रुपये की रकम और कई एफडीआर का पता भी चला है। जांच में ये भी सामने आया है कि हाइजिया के संचालक अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने के बाद 60 प्रतिशत रकम नगद वापस ले लेते थे। इसका इस्तेमाल जमीनों की खरीद-फरोख्त में किया जाता था।

परीक्षा प्रेक्षक के नहीं मिले हस्ताक्षर

ईडी ने जिन उत्तर पुस्तिकाओं को बरामद किया है, उनमें परीक्षा कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रेक्षकों के हस्ताक्षर नहीं मिले हैं। ये देखकर ईडी के अधिकारी भी हैरान हैं। जल्द ही ईडी परीक्षा कराने वाले प्रेक्षकों को भी तलब करने जा रही है। इसके अलावा जिन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी मिली है, उनका बयान भी दर्ज किया जाएगा।



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