
वित्त मंत्रालय
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बैंक घोटालों, फर्जी कंपनियों और जालसाज कारोबारियों का साथ देने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए), कंपनी सचिव (सीएस) और कॉस्ट एकाउंटेंट्स भी अब बच नहीं पाएंगे। वित्त मंत्रालय ने तीन मई को इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है। इसके तहत मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) में दोषी पाए जाने के बाद सात साल तक की जेल और संपत्तियों को सीज कर दिया जाएगा। काले धन को लेकर प्रोफेशनल्स के खिलाफ इतना सख्त प्रावधान पहली बार लाया गया है।
वित्त मंत्रालय के निदेशक (मुख्यालय) शशांक मिश्रा द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक काले धन, जालसाजी, धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग, हवाला में शामिल कारोबारियों का वित्तीय हिसाब रखने वाले सीए, सीएस और कॉस्ट एकाउंटेंट्स पर भी पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह फंसेंगे पेशेवर
अब अपने क्लाइंट्स की तरफ से कालेधन से खरीदी गई अचल संपत्ति की खरीद व बिक्री, उनके बैंक खातों का संचालन, उनके धन के लेन-देन, शेयर व अन्य संपत्तियों के प्रबंधन, कंपनियों के निर्माण, संचालन, प्रबंधन, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) फर्म और ट्रस्ट के गठन, कंपनियों की खरीद और बिक्री में संलिप्तता पाए जाने पर सीधे जेल भेजा जाएगा। इतना ही नहीं अगर उनका क्लाइंट मादक पदार्थों से जुड़ा पाया गया तो नारकोटिक्स ड्रग एंड साइकोट्रापिक सबस्टेंस एक्ट के तहत 10 साल की सजा प्रोफेशनल्स को होगी। अभी तक इस तरह के मामलों में शामिल होने के बावजूद वे गवाह बनकर बच जाते थे।
बढ़ते मामलों के बाद लिया फैसला
जालसाजी के मामलों में पेशेवरों की जांच पिछले कुछ वर्षों में तेज हुई है। बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के एक हजार करोड़ के जमीन सौदे में मनी लांड्रिंग के आरोप में पहली बार सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था।
- रोटोमैक, श्रीलक्ष्मी कॉटसिन सहित 22 हजार करोड़ रुपए के कानपुर व लखनऊ के मामलों में सीए जांच के दायरे में हैं।
- देशभर में करीब 70 हजार करोड़ के फ्राड में पेशेवर फंसे हैं।
- बोगस कंपनियों को बनाने में शामिल करीब 82 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की जांच भारतीय सीए संस्थान कर रहा है।
- 64 से ज्यादा सीए व सीएस सीबीआई, ईडी व सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन संस्थान के शिकंजे में हैं।
नंबर गेम-
- शिकंजे में 4.55 लाख धुरंधर
- 3 लाख कुल चार्टर्ड एकाउंटेंट्स
- 22 हजार सीए यूपी में
- 70 हजार कुल कंपनी सचिव
- 12 हजार सीएस यूपी में
- 85 हजार कुल कास्ट एकाउंटेंट
- 12 हजार कास्ट एकाउंटेंट यूपी में
मनी लांड्रिंग पर शिकंजा कसने के लिए इसकी शुरुआत की गई है। इस नोटिफिकेशन से ईमानदार सीए को घबराने की जरूरत नहीं है। गलत लेनदेन में संलिप्त होने वाले प्रोफेशनल्स ही फंसेंगे।
-सीए अभिषेक पांडेय, चेयरमैन, सीपीई, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल
मनी लांड्रिंग में शामिल प्रोफेशनल्स के ऊपर ये सर्जिकल स्ट्राइक की तरह है। सात साल तक की कठोर कैद और भारी भरकम जुर्माने की जद में पहली बार सीए,सीएस व सीएमए को लाया गया है।
-सीए वैभव अग्निहोत्री, चेयरमैन, रीजनल काउंसिल, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान
घोटालों में लगातार सीए व सीएस की संलिप्तता सामने आ रही थी। पांच साल में ही तीस हजार करोड़ के मामलों की जांच में मिलीभगत पाई गई। तमाम पेशेवर जेल भी गए इसलिए इस प्रावधान को लाया गया।
-देवेन्द्र डंग, जीएसटी व आयकर, आर्थिक अपराध विशेषज्ञ