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गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोलियों से भूनने वाले शूटर विजय यादव के तार नेपाल से जुड़ रहे हैं। वह कुछ वक्त पहले नेपाल गया था। वहां के एक बड़े माफिया के संपर्क में रहा। ये बात उसने शुरुआती पूछताछ में बताई है। पुलिस इस दावे का अब सत्यापन करेगी। विस्तृत पूछताछ के लिए उसको रिमांड पर भी लिया जाएगा।

वारदात के बाद विजय पिटाई से घायल हो गया था। ट्रामा में वह भर्ती था। इस दौरान पुलिस ने उससे पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक विजय ने नेपाल जाने की बात बताई है। दावा किया कि एक शख्स ने उसको संजीव की फोटो दिखाकर मारने की सुपारी दी। जिसके एवज में 20 लाख रुपये देने की डील की थी। हालांकि सिर्फ पांच हजार रुपये व पिस्टल दी थी। विजय के दावे में कितनी सच्चाई है पुलिस इसका पता अब करेगी।

एसआईटी की जांच होगी अहम

तीन सदस्यीय गठित की गई एसआईटी की इसी बिंदु पर जांच कर रही है कि घटना में कहां कहां लापरवाही बरती गई। इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच की जद में वह बड़े अफसर भी जिम्मेदार हैं, जिनके ऊपर कोर्ट परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। देखना होगा कि एसआईटी जांच पूरी करने के बाद इनमें से किन किनको जिम्मेदार ठहराती है।

विजय को मोहरा किसने बनाया

गैंगस्टर संजीव हत्याकांड को अंजाम भले ही शूटर विजय ने दिया हो, लेकिन इसका असल किरदार अभी पर्दे के पीछे है। सवाल है कि विजय का आका कौन है? शुरुआती जांच में नेपाल के अलावा पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक तार जुड़ रहे हैं। बड़े गैंग से लेकर एक पूर्व सांसद भी जांच की जद में है। अब देखना होगा कि एसआईटी कत्ल के मुख्य साजिशकर्ता तक पहुंच पाती है या नहीं।

सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका

कोर्ट रूम में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जिला जज की कोर्ट में याचिका दायर की गई है। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने याचिका दायर कर बताया कि कुछ वर्षों में मौजूदा सरकार के विपक्षी माने जाने वाले अपराधियों की हत्याएं हुई हैं, जो प्रथम दृष्टया राज्य पोषित हत्याएं दिखती हैं। ऐसे में जिला जज से राज्य सरकार को यह विवेचना सीबीआई को संदर्भित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।



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