
जौहर यूनिवर्सिटी
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पूर्व मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनके करीबियों के 30 से ज्यादा ठिकानों पर बृहस्पतिवार को भी आयकर विभाग की छापों की कार्रवाई जारी रही। इस दौरान जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में खर्च हुई रकम का सही आकलन करने के लिए इंजीनियरों की टीम को भी बुलाया गया। सूत्रों के मुताबिक जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में खर्च हुई रकम और दर्शाए गए बजट में बड़ा अंतर सामने आया है। इसी वजह से आयकर विभाग के अधिकारी इंजीनियरों और आर्किटेक्ट की मदद से कुल लागत का पता लगा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर आजम के करीबियों के ठिकानों से मिले दस्तावेजों से पता चला है कि सपा सरकार में मंत्री रहने के दौरान मौलाना अली जौहर ट्रस्ट को करीब 40 करोड़ रुपये दान के रूप में दिए गए थे। यह रकम उनके करीबियों ने दी थी, जिसे जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में इस्तेमाल किया गया था। इसी तरह वर्ष 2003 से 2007 के बीच सपा सरकार में मंत्री रहने के दौरान आजम खां के ट्रस्ट को करीब 10 करोड़ रुपये दान में मिले थे। इसी तरह रामपुर और आसपास के जिलों की तमाम शैक्षणिक संस्थाओं ने भी जौहर ट्रस्ट को लाखों रुपये दिए थे।
आयकर विभाग ने जब इसकी पड़ताल की, तो सामने आया कि अधिकतर लोगों को दान की चेक के बदले नकदी दी गई थी। इसके सुराग जुटाने के लिए आयकर विभाग की टीमें जौहर ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारियों और दान देने वालों के ठिकानों को खंगाल रही हैं। वहीं, रामपुर के आजम खां के आवास से सोने-चांदी के तमाम जेवरात मिलने के बाद लखनऊ से एक सुनार को मूल्यांकन के लिए भेजा गया है।
विदेशी फंडिंग के तलाशे जा रहे सुराग
आयकर विभाग के अधिकारी जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के ठिकानों से विदेशी फंडिंग के सुराग तलाश रहे हैं। दरअसल जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। जौहर ट्रस्ट के पास अचानक इतनी रकम कहां से आई, इसकी पुष्टि आयकर और ईडी की जांच में भी नहीं हो सकी थी। इसी वजह से अब पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापा मारकर पता लगाया जा रहा है कि आखिर यह रकम कहां से आई थी। सूत्रों की मानें तो एक पदाधिकारी के ठिकाने से मिले दस्तावेजों में कोड वर्ल्ड में लिखे नाम पाए गए हैं, जिसके सामने लाखों रुपये की रकम लिखी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि यह पैसा आजम खां के प्रभाव की वजह से अधिकारियों और ठेकेदारों से वसूला गया था, जिसे बाद में जौहर ट्रस्ट में खपाया गया।
अब्दुल्ला आजम और सीए को फिर भेजेंगे सम्मन
वहीं दूसरी ओर जौहर ट्रस्ट की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने भी आजम खां और उनके कुनबे पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक ईडी आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट को दोबारा सम्मन देगा। अब्दुल्ला आजम से ईडी ने पिछले साल पूछताछ की थी, लेकिन उनका सीए पेश नहीं हुआ था। वहीं आजम खां की पत्नी तंजीन फातिमा भी कई नोटिस के बावजूद पेश नहीं हुई थीं।