करोड़ों के काले धन को सफेद करने के आरोपों में भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा और पूर्व एमएलसी रामलली मिश्रा समेत पांच के खिलाफ ईडी के परिवाद/चार्जशीट पर ईडी के विशेष न्यायाधीश ने संज्ञान ले लिया है। इसके पहले 31 जुलाई को आरोपी पूर्व विधायक विजय मिश्रा, पूर्व एमएलसी रामलली मिश्रा, विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा, भोलानाथ राजपति शुक्ला और उनकी कंपनी मेसर्स वीएसपी स्टार रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ईडी कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

यह बताया गया था कि ईडी ने आरोपियों के खिलाफ यूपी पुलिस की ओर से भ्रष्टाचार के जरिए 30 करोड़ सात लाख रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। विवेचना के बाद दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेकर धनशोधन की जांच की गई तो पता चला की आरोपी विजय मिश्रा और रामलली मिश्रा ने अपनी विधायकी के दौरान इस पैसे से चल और अचल संपत्ति खरीदी थी। 

जांच में पता चला कि इस केस के अलावा विजय मिश्रा और उसके परिवार के लोगो के खिलाफ पूरे प्रदेश में अवैध वसूली, अवैध खनन, अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र और संगठित अपराध के कई केस दर्ज हैं। विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपी विजय मिश्रा और रामलली मिश्रा ने लोक सेवक रहते हुए अपने प्रतिष्ठा और पद का दुरुपयोग किया और मेसर्स वीएसपी स्टार रियल्टी नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी के जरिए अवैध ढ़ंग से कमाए धन को सफेद किया और कंपनी के नाम अधिक संख्या में संपत्तिया खरीदी। 

आरोपियों ने बेनामी संपत्तिया भी खरीदी। जांच में पता चला कि आरोपी विजय मिश्रा ने अपने बेटे विष्णु मिश्रा और करीबी भोलानाथ शुक्ला के नाम से अवैध तरीके से कमाई गई भारी रकम का निवेश किया। इस सारे साक्ष्य के बाद ईडी ने आरोपियों की 24 करोड़ 46 लाख रुपये की प्रयागराज, मुंबई, दिल्ली और रीवा स्थित व्यवसायिक और रिहायशी संपत्तियों को अटैच किया है।

 

 



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