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पिनटेल, अमरावती और एक्सेला ग्रुप के ठिकानों पर आयकर छापे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि पिनटेल व अमरावती के निदेशक रोहित सहाय और रवि पांडेय का पार्टनर मथुरा निवासी नंदकिशोर चतुर्वेदी महाराष्ट्र के एक बड़े राजनीतिक घराने का काला धन हवाला के जरिये कंपनियों में निवेश करता है। बाद में इसी रकम को रियल एस्टेट प्रोजेक्टों में लगाया जाता है।  

 

पता चला है कि इस राजनीतिक घराने के अरबों रुपये लखनऊ के रियल एस्टेट प्रोजेक्टों में लगाए गए हैं। आयकर विभाग इसकी गहनता से जांच कर रहा है। बुधवार को आयकर विभाग की टीमों ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर आदि शहरों में पिनटेल, अमरावती, एक्सेला के 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे।

टीम ने जब पिनटेल के निदेशक रोहित सहाय के ठिकानों को खंगाला, तो नंदकिशोर चतुर्वेदी के साथ उसके कारोबारी संबंधों का पता चला। नंदकिशोर की तलाश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बीते दो साल से कर रहा है। मालूम हो कि पिछले वर्ष ईडी ने पुष्पक बुलियन कंपनी की हेराफेरी के मामले में महाराष्ट्र के राजनीतिक घराने के करीबी श्रीधर पाटणकर के 11 फ्लैट और 6.50 करोड़ रुपये जब्त किए थे। इसी वजह से नंदकिशोर के ठिकानों को भी खंगाला जा रहा है। 

आदित्य ठाकरे थे कंपनी में निदेशक

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे 2014 से 2019 तक कोमो स्टाक एंड प्रॉपर्टीज कंपनी के निदेशक के पद पर थे। 28 मार्च, 2020 में नंदकिशोर इस कंपनी का निदेशक बन गया। बाद में नंदकिशोर ने 10 अन्य कंपनियां खोलीं। 

  • महाराष्ट्र में हवाला ऑपरेटर्स की जांच के दौरान जब नंदकिशोर का नाम सामने आया तो उसके संबंध राजनीतिक घरानों से होने का पता चला। जब आयकर विभाग ने इसकी पड़ताल शुरू की तो पिनटेल इंफ्राकॉन एलएलपी फर्म का नाम सामने आया, जिसमें रोहित सहाय, रवि पांडेय, नंदकिशोर चतुर्वेदी आदि पार्टनर हैं। 
  • छापों के दौरान अमरावती ग्रुप के निदेशकों के ठिकानों से 6.50 करोड़ बरामद हुए हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में संपत्तियों की जानकारी मिली है। रियल एस्टेट से जुड़े रोहित सहाय, रवि पांडेय, रजनीकांत मिश्रा, किशोरी लाल गोयल, आनंद अग्रवाल, आकाश अग्रवाल के ठिकानों पर बृहस्पतिवार को भी तलाश जारी थी।



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