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कानपुर में नवाबगंज थाने की पुलिस ने युवक को तमंचे के साथ पकड़ने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो डीजीपी मुख्यालय के अफसरों ने अपना सिर पकड़ लिया। इसी तरह अमेठी में बिना वीगो लगाए ड्रिप चढ़ाने का पुलिसकर्मी का वीडियो विभाग को शर्मसार कर गया। दोनों ही मामलों का डीजीपी मुख्यालय ने संज्ञान लेते हुए कठोर चेतावनी दी है। ये मामले तो बानगी हैं, कुछ पुलिसकर्मी विभाग की सोशल मीडिया पॉलिसी को धता बताने से नहीं चूक रहे हैं।

प्रदेश पुलिस में आईपीएस से लेकर सिपाही तक के तमाम विवादित वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई गई थी। दुनिया भर के तमाम महत्वपूर्ण संगठनों, पुलिस बलों आदि की पॉलिसी का अध्ययन करने के बाद इसे तैयार किया गया था। यूपी पुलिस की इस सोशल मीडिया पॉलिसी की सराहना देश भर में हो रही है। 

नेशनल पुलिस अकादमी, सेंट्रल ऑर्म्ड पुलिस फोर्सेज और कई राज्यों की पुलिस यूपी पुलिस की सोशल मीडिया पॉलिसी को लागू करने की तैयारी में हैं। वहीं यूपी में पॉलिसी लागू होने के बावजूद अक्सर पुलिसकर्मियों की हरकतें बदनामी का सबब बन रही हैं। इसे लेकर डीजीपी मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाने का फैसला लिया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने हालिया मामलों का संज्ञान लेते हुए सख्त चेतावनी जारी की है।

इन नियमों का हुआ उल्लंघन

  • पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सीलमोहर किए हुए फोटो अथवा वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं डाला जाएगा
  • पुलिस के सराहनीय कार्य से संबंधित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो, वीडियो ब्लर करके ही डाले जाएंगे
  • जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सार्वजनिक नहीं किया जाएगा

हाल ही में सोशल मीडिया पॉलिसी के उल्लंघन के कुछ मामले सामने आए है। ऐसे पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है। छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

-प्रशांत कुमार , स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध



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