
मुनीर….
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एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के सदस्य मुनीर को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस का दावा है कि वह पीएफआई की एडहॉक कमेटी का सदस्य है और उसे पश्चिमी उप्र में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई थी। मेरठ में दर्ज एक मामले में भी वह वांटेड चल रहा था।
डीजीपी विशेष प्रशांत कुमार ने बताया कि पिछले साल मेरठ के थाना खरखौदा में देश विरोधी गतिविधियों में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना एटीएस कर रही थी। इस प्रकरण में अभियुक्त मौलाना शादाब अजीज कासमी, मौलाना साजिद, मौलाना इस्लाम कासमी एवं मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ में मुजफ्फरनगर के गांव दधेड़ृ कला के रहने वाला मुनीर आलम का नाम सामने आया था।
पता चला कि मुनीर पीएफआई का सक्रिय सदस्य है। पीएफआई के प्रतिबंधित होने के बावजूद वह अपने हिडन एजेंडे पर काम कर रहा है। एटीएस यूपी सुरागरसी, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। मंगलवार को पुलिस ने उसे रेलवे स्टेशन मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया। उससे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से उसकी 10 दिन की पुलिस रिमांड स्वीकृत कर दी गई है।
2015 में जुड़ा था पीएफआई से
एटीएस की मानें तो मुनीर इंटर करने के बाद तीन साल घर रहा। वर्ष 2015 में उसने वकालत की पढ़ाई के लिए मेरठ में दाखिल लिया। मुनीर ने पूछताछ में बताया कि मौलाना शादाब उनके गांव आया जाया करते थे। तभी से वह पीएफआई से जुड़ा और उनके कामों में भाग लेने लगा।
उसने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह पीएफआई के शाहीन बाग स्थित मुख्यालय में कई बार गया और उसके काम एवं लगन को देखते हुए उसे वर्ष 2017 में एडहॉक कमेटी का सदस्य बनाया गया। उसे पीएफआई से पैसा भी मिलता था। वह सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुआ था और गिरफ्तार होकर जेल गया था। एटीएस ने उससे मोबाइल, आधार कार्ड, विजिटिंग कार्ड, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड भी कब्जे में लिया है।
तौहीद से एनआईए ने की पूछताछ, बरेली में दी थी दबिश, कई अहम साक्ष्य सामने आए
एनआईए की टीम ने बरेली के आंवला निवासी तौहीद से घंटों पूछताछ की जिसमें कई अहम साक्ष्य सामने आने की बात कही जा रही है। बुधवार को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने तौहीद को लखनऊ बुलाया गया था जहां उससे देर रात तक पूछताछ की गई।
रविवार को लखनऊ एनआईए की टीम ने तौहीद के घर दबिश देकर पांच घंटे तक पूछताछ की थी। टीम उसका मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज साथ ले आई थी। अब उसे पूछताछ के लिए लखनऊ तलब किया गया था। दरअसल बरेली के आंवला के मोहल्ला पक्का कटरा निवासी तौहीद का पाकिस्तान के शहर कराची से कनेक्शन सामने आने के बात कही जा रही थी। इसके बाद वह एनआईए के रडार पर आया।
टीम ने उसके आधार कार्ड व अन्य प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया। बताया जा रहा है उसके मोबाइल में भड़काऊ वीडियो, जेहादी साहित्य मिले। एनआईए ने अनजान फोन नंबरों के बारे में गहराई से उससे छानबीन की । साथ ही, बीते कुछ सालों में वह कहां-कहां गया था और किन लोगों से मिला, इसकी भी जानकारी हासिल की जा रही है। माना जा रहा है कि तौहीद के खिलाफ एनआईए को कुछ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं, जिसकी वजह से उसे गोमतीनगर विस्तार स्थित एनआईए के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की जा रही है। देर रात तक पूछताछ जारी रही। दरअसल भारत में इस्लामिक राज कायम करने का सपना देख रहे पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की तरफ से चलाए जा रहे गजवा-ए-हिंद अभियान के कारण एनआईए अलर्ट मोड पर है। पुताई का काम करने वाले तौहीद की सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा सक्रियता की वजह से वह एनआईए के रडार पर आया है।